अंतर्राष्ट्रीय

Nepal में बढ़ने लगे चीन के कदम, प्रचंड सरकार ने मांगा ड्रैगन से कर्ज

Nepal Pokhara Airport China: भारत के लिए नेपाल बेहद ही मायना रखता है और हर एक मौके पर इंडिया ने नेपाल की मदद की है। दोनों के बीच सदियों से मधुर संबंध रहे हैं। लेकिन, पिछले कुछ सालों में ओली की सरकार के दौरान दोनों देशों के बीच थोड़ी खटाई आई। दरअसल, ओली चीनी समर्थन नेता हैं और चालबाज चीन हर छोटे देशों को अपनी कर्ज जाल में फंसाना चाहता है। भारत अबतक को नेपाल को बचाये हुआ था लेकिन, अब जब से प्रचंड सरकार सत्ता में आई है तब से ऐसा लगता है अब नेपाल में बहुत कुछ बदलने वाला है। दरअसल, चीन (Nepal Pokhara Airport China) की मदद से तैयार किया गया पोखरा में एयरपोर्ट को खोल दिया गया है। नये प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने इसका उद्घाटन किया है। रविवार को खुले इस एयरपोर्ट को चीनी समर्थन का बड़ा संकेत माना जा रहा है। नेपाल जो चीन (Nepal Pokhara Airport China) का करीबी हो चुका है वहां पर अब प्रचंड का राज है। पीएम प्रचंड को एक आक्रामक माओ नेता माना जाता है। उनका रुख भारत के लिए भी काफी बदला और वह भारत को एक सहयोगी के तौर पर देखने लगे थे। ऐसे में जब पूर्व पीएम केपी ओली की जगह प्रचंड ने कमान संभाली तो नेपाल के साथ रिश्‍तों में भी नरमी की उम्‍मीद जगने लगी। लेकिन, इस वक्त ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा है।

चीन को खुश करने पर लगी है नेपाल की नई सरकार
पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Nepal Pokhara Airport China) के खुलने के बाद कुछ लोगों को अब प्रचंड, चीन के बड़े समर्थक ओली की ही तरह नजर आने लगे हैं। नेपाल के पश्चिम में स्थि‍त पोखरा, पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण है। यहां पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के खुलने का मतलब देश के पर्यटन उद्योग का आगे बढ़ना है। पीएम प्रचंड ने पोखरा में एक प्‍लाक का आधिकारिक उद्घाटन किया है और इसके बाद एयरपोर्ट के आधिकारिक तौर पर शुरू होने का ऐलान हो गया है। इस मौके पर उप-प्रधानमंत्री और वित्‍त मंत्री बिष्‍नु पौडेल भी मौजूद थे। कहा जा रहा है कि फरवरी के दूसरे हफ्ते से यहां से अंतरराष्‍ट्रीय फ्लाइट्स टेकऑफ करने लगेंगी।

चीनी से नेपाल में मांगी मदद
फकरा रीजनल इंटरनेशनल एयरपोर्ट (PRIA) चीन के BRI यानी नेपाल-चीन बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव को-ऑपरेशन के तहत बनाया गया है। नेपाल सरकार ने चीन के साथ मार्च 2016 में इसके लिए 215.96 मिलियन डॉलर वाले सॉफ्ट लोन एग्रीमेंट पर साइन किया था। जिसके तहत नेपाल की इस लेक सिटी में इस एयरपोर्ट के निर्माण का काम पूरी हुआ था। अब उद्घाटन के दौरान प्रचंड ने कहा है कि, नेुपाल जैसे खूबसूरत देश को हवाई माध्यमों के जरिए दूसरी जगहों से जोड़ना सबसे प्रभावी तरीका है जो इस जगह को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। इसके साथ ही प्रचंड ने चीनी सरकार से अनुरोध किया है कि, वह क्रॉस बॉर्डर सुविधाओं को खोलें। उन्होंने जिनपिंग से कहा है कि, वह रेल सेवाओं और दूसरे प्रोजेक्ट्स के निर्माण में नेपाल की मदद करे।

यह भी पढ़ें- America के सैन्य किले की ओर चीन का महाविनाशक युद्धपोत! क्या होने वाली है दोनों में जंग?

आईएन ब्यूरो

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