Nepal में फिर से ओली राज, राष्ट्रपति ने देर रात KP Sharma Oli को प्रधानमंत्री किया नियुक्त

<p>
नेपाल में राजनीतिक संकट कुछ समय के लिए थमता नजर आ रहा है। तीन दिन लगातार चली गहमामहमी के बीच गुरुवार की रात नौ बजे यह तय हो गया कि नेपाल के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर केपी शर्मा ओली ही काबिज रहेंगे। गुरुवार की रात 9 बजे तक जब नेपाल के किसी भी राजनैतिक दल ने राष्ट्रपति बिद्या देबी भण्डारी के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया तो यह तय हो गया कि नेपाल में अल्पमत के प्रधानमंत्री के तौर पर केपी ओली को ही फिर से शपथ दिलाई जाएगी।</p>
<p>
गुरुवार की सुबह से केपी शर्मा ने जिस तरह माधव कुमार नेपाल के साथ एक कॉमन फ्रेंड कैप्टन रामेश्वर थापा के घर पर वार्ता शुरु की वैसे ही तय हो गया था कि शाम होत-होते सत्ता ओली के ही हाथ में रहेगी। इससे ओली ने सुबह नौ बजे पार्टी की स्थाई समिति की बैठक में माधव कुमार नेपाल सहित चार नेताओँ को छह माह के लिए पार्टी से निलंबित करने का ऐलान किया गया था। लेकिन कुछ देर बाद ही पता चला कैप्टन रामेश्वर थापा के घर खनाल-नेपाल गुट के नेताओं के साथ वार्ता होगी।</p>
<p>
<img alt="" src="https://hindi.indianarrative.com/upload/news/Nepal-Rashtrapati.JPG" /></p>
<p>
पीएम ओली और माधव कुमार नेपाल के बीच कई घण्टे बात-चीत चली। बात-चीत के बाद ओली गुट से खबर आई कि दोनों नेताओं के बीच सौहार्द्रपूर्ण माहौल में बात-चीत हुई है। ओली ने खनाल-नेपाल गुट की मांगों पर सहमति व्यक्त कर दी है। इसलिए अब खनाल-नेपाल गुट के सांसद इस्तीफा नहीं देंगे। बल्कि पीएम ओली को समर्थन व्यक्त करेंगे।</p>
<p>
इसी बीच लगभग 5 बजे खबर आई कि खनाल-नेपाल गुट के सांसद राष्ट्रपति सचिवालय जाकर इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। वहीं नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष देउबा और प्रचण्ड सरकार बनाने के दावे की रूप रेखा तय कर रहे थे। शाम के सात बज जाने के बाद भी खनाल-नेपाल गुट ने इस्तीफे नहीं सौंपे। इसका नतीजा यह हुआ कि जो नेपाली कांग्रेस सुबह से सरकार बनाने के दाबे कर रही थी उसी नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देऊबा ने अपने प्रतिनिधि प्रकाश शरण महंत को मीडिया के सामने भेजकर कहलवा दिया कि नेपाली कांग्रेस और प्रचण्ड गुट सरकार बनाने के लिए पर्याप्त समर्थन जुटाने में असमर्थ रहा है। इसलिए सरकार नेपाली कांग्रेस सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगा।</p>
<p>
नेपाली कांग्रेस के ऐलान के बाद ओली खेमा फिर सक्रिए हुआ और खनाल-नेपाल गुट के नेताओं के साथ फिर से बातचीत शुरु ताकि नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाए। रात नौ बजे के बाद नेपाल के राष्ट्रपति बिद्या देबी भण्डारी के सचिवालय से विज्ञप्ति जारी हुई की संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के तहत गैर ओली दलों से नई सरकार गठन के लिए प्रस्ताव मांगा गया था लेकिन समय सीमा के भीतर किसी भी राजनीतिक दल के नेता प्रस्ताव नहीं दिया है। इसके लगभग एक घण्टे बाद राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 72(3) के अंतर्गत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए सदन में सबसे बड़े दल के नेता के रूप में ओली को फिर से प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया है।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago