China Taliban Afghanistan: अफगानिस्तान से अमेरिका के वापस होते ही चीन ने अपनी गिद्ध वाली नजरें गड़ा दी। चीन की नजर यहां के खजाने पर थी और वो इसके लिए सही मौके का तलाश कर रहा था। जो अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद आई। हाल ही में चीन और तालिबान (China Taliban Afghanistan) के साथ एक बड़ी डील हुई है जिसके तहत चीन वहां के खजाने (Taliban and China Oil Deal) को निकाल कर दुनिया पर राज करेगा। अब चीन अफगानिस्तान को लूटने के लिए नया प्लान तैयार किया है। जिसके तहत पहले वो तालिबान को मॉडर्न हथियार देगा। ये खुलासा द जेम्सटन फाउंडेशन की एक रिपोर्ट में चीन की इस नई चाल का खुलासा हुआ है। अमेरिका-पाकिस्तान के रिश्तों पर किताब लिख चुके जफर इकबाल युयूफजई ने रिपोर्ट लिखा है। उन्होंने दावा किया है कि, चीन तालिबान (China Taliban Afghanistan) को मॉडर्न हथियारों से लैस कर रहा है।
अपने फायदे के लिए तालिबान को ताकतवर बना रहा ड्रैगन
दरअसल, हाल ही में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में स्थित एक होटल पर इस्लामिक स्टेट खोरसान प्रांत (ISKP) ने हमला किया था। इस होटल में ज्यादातर चीनी नागरिक रहते हैं। इसी के बाद चीन तालिबान को ताकतवर बनाने में लगा हुआ है। अफगानिस्तान में जारी हिंसा और अस्थिरता की वजह से चीनी हितों पर खतरा मंडरा रहा है। चीन को लगने लगा है कि अगर यही स्थिति जारी रही तो फिर आने वाले दिनों में उसके महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) की सफलता पर मुश्किल पैदा हो सकती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए तालिबान को हथियार मुहैया कराने का फैसला किया गया है। चीनी सूत्रों की तरफ से भी इस बात पर चिंता जताई गई है कि अफगानिस्तान में लगातार हिंसा और अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है।
चीन को सता रहा अफगानिस्तान के आतंकियों का डर
इसके साथ ही सूत्रों का कहना है कि, चीन को ऐसा लग रहा है कि, अगर यही हाल रहा तो फिर वो भी दिन दूर नहीं जब अफगानिस्तान आतंकियों का अड्डा बन जाएगा। यहां पर मौजूद आथंकी चीन के शिनजियांग को निशाना बना सकते हैं। साथ में विदेशी जमीन पर स्थित उनके हितों जैसे चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) पर भी असर पड़ेगा। बताते चले कि, 12 दिसंबर 2022 को आईएसकेपी के आतंकियों ने जिस समय काबुल के होटल को निशाना बनाया, वहां पर कई चीनी नागरिक मौजूद थे। इस हमले में पांच चीनी नागरिक घायल हो गए थे। जबकि 18 विदेशी नागरिकों की मौत हो गई थी। हमले में शामिल तीन हमलावरों को ढेर कर दिया गया था। शुरुआत में कहा गया था कि इस होटल को चीनी व्यापारी चलाते हैं। अक्सर चीनी राजनयिक और व्यापारी इस होटल में आते हैं। हमले के बाद चीन काफी सदमे में था। इसी के बाद से चीन ने आतंकवाद से निपटने के लिए तालिबान को पूरी मदद देने की बात कही थी। चीन इस वक्त तालिबान के साथ आपसी संपर्क बढ़ा रहा है।
अफगानिस्तान के खजाने पर चीन की नजर
दरअसल, चीन की नजर अफगानिस्तान के 74 लाख करोड़ खजाने पर है। चीन ने हाल ही में तालिबान सरकार के साथ अफगानिस्तान से 54 करोड़ डॉलर का तेल और गैस निकालने का समझौता किया था। जिसे लेकर जानकारों का कहना था कि, ये तो अभी केवल शुरुआत है आने वाले समय में चीन, तालिबान (Taliban and China Oil Deal) के साथ सोना, निकल, लिथियम समेत कई अनमोल धातुओं के लिए भी डील करेगा। अब अफगानिस्तान के साथ ही चीन ने मध्य एशिया के अन्य देशों में भी बड़े पैमाने पर निवेश करना शुरू कर दिया है। चीन की नजरे रेअर अर्थ पर हैं जिसका भंडार अफगानिस्तान में 1 से 3 ट्रिलियन डॉलर का हो सकता है।
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