अंतर्राष्ट्रीय

लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग हमले के मास्टरमाइंड अवतार सिंह खांडा की मौत, NIA की जांच में आयी तेज़ी

आयुष गोयल

लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के ऊपर फहराते भारतीय झंडे को नीचे उतार के लिए वांछित ब्रिटेन के शरणार्थी और खालिस्तानी आतंकवादी अवतार सिंह खांडा की कल देर रात बर्मिंघम में ब्रिटेन के एक अस्पताल में मौत हो गयी। खांडा कथित तौर पर ब्लड कैंसर से पीड़ित था और एनआईए द्वारा 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ के मामले में वांछित 45 संदिग्धों की सूची जारी करने के बाद बीती रात उनके लाइफ सपोर्ट पर होने की खबरें आने लगी थीं।

बम विशेषज्ञ खांडा खालिस्तान लिबरेशन फ़ोर्स (केएलएफ) का प्रमुख और खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह का आका था। अमृतपाल पर कार्रवाई का विरोध करने के लिए अपने समर्थकों के साथ तोड़-फोड़ करने के सिलसिले में उसे मार्च में ब्रिटेन के अधिकारियों द्वारा गिरफ़्तार भी किया गया था। खांडा अलगाववादी खालिस्तानी आंदोलन के स्तंभों में से एक था, जो बब्बर खालसा इंटरनेशनल और आईएसआई जैसे संगठनों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था।


खांडा पर वर्षों से भारत के ख़िलाफ़ पंजाब और ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का आरोप लगाया गया है। पंजाब के मोगा ज़िले में जन्मे खांडा खालिस्तान आंदोलन से गहराई से जुड़े परिवार से हैं और जगतार सिंह तारा और परमजीत सिंह पम्मा जैसे खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ उनके संबंध थे, जो बाद में खालिस्तान टाइगर फोर्स के सक्रिय सदस्य बने। अमृतपाल के ख़िलाफ़ एनआईए की जांच ने खांडा को सुर्ख़ियों में ला दिया था, क्योंकि मार्च में वारिस पंजाब दी ग्रुप पर कार्रवाई के बाद 37 दिनों तक गिरफ़्तारी से बचने में कथित तौर पर उसने मदद की थी।

इस बीच एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने 19 मार्च को लंदन उच्चायोग में अपनी जांच तेज़ कर दी है। संघीय एजेंसी ने कल देर रात 45 संदिग्धों की तस्वीरें जारी कीं। एजेंसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर तस्वीरें डालकर जनता से उनकी पहचान और संबंधित विवरण मांगा।

एजेंसी में उच्च पदस्थ सूत्रों ने ख़ुलासा किया है कि उन्होंने भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों की मदद से इनमें से 8 संदिग्धों की पहले ही पहचान कर ली है और जल्द ही लुकआउट नोटिस जारी करेंगे। इनमें खांडा और उसके दो सहयोगी गुरचरण सिंह और जसवीर सिंह शामिल थे, जिन्हें हमले के बाद उच्चायोग के एक अधिकारी द्वारा दर्ज प्राथमिकी में भी नामित किया गया था।


एजेंसी ने मंगलवार को आरोपियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए जनता के समर्थन की मांग करते हुए उच्चायोग की दो घंटे लंबी सीसीटीवी फुटेज अपलोड की थी, लेकिन आज ही इसने संदिग्ध खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें जारी की है।

केंद्रीय एजेंसी ने ट्वीट किया।”पहचान/सूचना के लिए अनुरोध। 19.03.23 को ये लोग लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले में शामिल थे। उन्होंने गंभीर क्षति पहुंचाई और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया। अगर किसी के पास उनके बारे में कोई जानकारी है, तो कृपया Whatsapp/DM @+917290009373 करें।”

इस घटना के वायरल वीडियो में कई प्रदर्शनकारियों को पीले और काले रंग के खालिस्तान झंडे लिए दिखाया गया है, जो वारिस पंजाब दी के प्रमुख और खालिस्तानी उपदेशक अमृतपाल सिंह की रिहाई की मांग कर रहे हैं। इस विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों में से एक व्यक्ति ने उच्चायोग कार्यालय की बालकनी पर चढ़ गया था और तिरंगा को नीचे खींच लिया था।

आईएन ब्यूरो

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