Nuclear War Between Russia And US : कभी सोचा है आप अपने घर के ड्राइंग रूम में बैठे हैं और अचानक से एक तेज धमाका सुनाई दे और देखते ही देखते शरीर की खाल जलकर गिरने लगे, चारों तरफ धुआं भर जाए…चीख-पुकार तक का भी समय न मिले। लाखों-करोड़ों लोग पल भर में मौत के आगोश में चले जाएं। खाने को रोटी न हो…लोग आंखों के सामने मर रहे हों और बचाने का कोई साधन न हो। ये सब शब्दों में बयां किया गया ये मंजर और भी ज्यादा भयानक होगा अगर दुनिया में परमाणु युद्ध छिड़ जाए। आज से 77 साल पहले जब परमाणु बम जापान के दो शहरों पर गिरे थे, तो मौत का तांडव पूरी दुनिया ने देखा था। हजारों-लाखों लोग तड़प-तड़पकर अपनों के सामने दुनिया छोड़कर चले गए थे और जो बचे उन्हें ऐसी बीमारियों ने घेरा कि मौत जिंदगी से ज्यादा प्यारी लगने लगे।
रूस और यूक्रेन (Russo-Ukrainian War) के बीच जारी जंग के बीच दुनिया पर परमाणु युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। वहीं अब बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट के मुताबिक, यह संकेतात्मक घड़ी इस बात का अनुमान लगाती है कि परमाणु युद्ध या जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं की वजह से मानवता खुद को तबाह करने के कितने करीब है। रूस और यूक्रेन युद्ध को नौ महीने होने वाले हैं और इस दौरान कई बार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की चेतावनी दी जा चुकी है।
वहीं डेलीस्टार की खबर के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में परमाणु मामलों पर मैग्जीन के एडिटर फ्रांकोइस डियाज़-मॉरिन ने यूक्रेन पर पुतिन के हमले के संदर्भ में एक आर्टिकल लिखा था। इसका शीर्षक था, ‘Nowhere to Hide: How a Nuclear War Would Kill You and Almost Everyone Else’. न्यूजवीक से बात करते हुए डियाज़-मॉरिन ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया के परमाणु युद्ध की ओर बढ़ने की आशंका है।
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दो साल पहले रिसेट की गई थी घड़ी
यह स्पष्ट नहीं है कि पुतिन या उनके किसी सलाहकार ने इस आर्टिकल को पढ़ा या नहीं, लेकिन डियाज़-मॉरिन का दावा है कि पब्लिश होने के बाद कुछ मिनट के भीतर इसे मॉस्को में पढ़ लिया गया था। इस घड़ी को 1947 में स्थापित किया गया था जिसके बाद से इसे 24 बाद रिसेट किया जा चुका है। इसे हाल ही में 2020 में रिसेट किया गया था, जब बुलेटिन ने मिनट वाली सुई को आगे बढ़ाया था। घड़ी के अनुसार ‘मध्यरात्रि’ का समय मानवता के लिए ‘कयामत की घड़ी’ होगी।
परमाणु हमले से विस्फोट होंगे हजारों बम
वैसे पुतिन के युद्ध ने अभी तक घड़ी की मिनट वाली सुई को मध्यरात्रि के करीब नहीं बढ़ाया है। बुलेटिन के साइंस और सिक्योरिटी बोर्ड ने वर्तमान संघर्ष की निंदा की है। डियाज़-मॉरिन ने अपने आर्टिकल में संभावित परमाणु युद्ध के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने अनुमान लगाया कि कुछ मिनट के भीतर ही सैकड़ों या हजारों बम विस्फोट हो जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि अमेरिका-रूस के बीच का युद्ध सीधे तौर पर कम से कम 36 करोड़ लोगों की जान पर हावी होगा।
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