अपने आका पाकिस्तान की शिकायत लेकर संयुक्त राष्ट्र में पहुंचा Taliban, कहा- रोक लो वरना हम रोकने पर आए तो मच जाएगी चारों ओर…

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पाकिस्तान और तालिबान के बीच इस वक्त स्थिति युद्ध जैसी हो गई है। आज से आठ महीने पहले दोनों इतने अच्छे दोस्त थे कि, तालिबान को अफगानिस्तान में कब्जा करने के लिए पाकिस्तान ने ही सबसे ज्यादा मदद की। साथ ही तालिबान सरकार की गठन के दौरान भी पाकिस्तान की आईसआई का हाथ रहा। इस दौरान आईएसआई चीफ वहां पर मौजूद थे। यहां तक कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तो जब भी मौका मिला विश्व मंच पर गला फाड़ कर चिल्लाए कि दुनिया अपना समर्थन दे। लेकिन, यही तालिबान अब पाकिस्तान के लिए नासूर बन बैठा है। हालांकि, इसमें सबसे ज्यादा गलती पाकिस्तान की है। क्योंकि, पाकिस्तान यहां भी अपना फायदा देख रही थी और डूरंड लाईन पर बाढ़ लगा रही थी। जिसके बाद से विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों में दुश्मनी का माहौल पौदा हो गया। तालिबान ने पाकिस्तान की शिकायत संयुक्त राष्ट्र संघ में की है।</p>
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तालिबान का आरोप है कि पाकिस्तान की सेना ने अफगानिस्तान के खोश्त और कुनार प्रांत में 16 अप्रैल को एयरस्ट्राइक की थीं। इसी मुद्दे पर तालिबान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चला गया है। पाकिस्तान के खिलाफ औपचारिक शिकायत नसीर अहमद फैक ने दी है, जो अशरफ गनी के शासन का हिस्सा थे। लेकिन उनकी शिकायत का समर्थन तालिबान, हक्कानी नेटवर्क और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने भी किया है। तालिबान का कहना है कि पाकिस्तानी सेना के अटैक में 40 लोगों की मौत हुई है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।</p>
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भेजे लेटर में अफगानिस्तान ने लिखा है कि पाकिस्तान की सेना ने जो किया है, वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों, मानवाधिकार के नियमों, यूएन चार्टर के सिद्धांतों का उल्लंघन है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र महासभा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के भी यह खिलाफ है। अफगानिस्तान ने यह लेटर 18 अप्रैल को लिखा है। अपनी शिकायत में कहा है कि, पाकिस्तानी सेनाओं की ओर से लगातार अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन किया जा रहा है। सीमा पार से बमबारी की जा रही है। अफगानिस्तान के अंदर घुसकर चौकियां बनाई जा रही हैं। एक दशक से ऐसा किया जा रहा है। खासतौर पर सीमा पार से बमबारी और गोलीबारी होना चिंताजनक है, जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों की जानें चली गई हैं। इसके चलते बड़े पैमाने पर सरकारी  और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ है, लोगों को बड़े पैमाने पर पलायन करना पड़ा है। ऐसी हरकतें लगातार की जा रही हैं और अब इस पर रोक लगनी चाहिए।</p>
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आईएन ब्यूरो

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