अपने ही चाल में फंस गई Pakistan Army, एक ओर मुल्क झटका दे रहा तो दूसरी ओर Taliban ने कर दिया…

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पाकिस्तान की सत्ता में बदवाल तो हो गया है लेकिन, अब भी देश कई चीजों की मार झेल रहा है। खासकर पाकिस्तान आर्मी के सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा है। पाकिस्तना की सेना देश के अंदर अफवाह और दुष्प्रचार से परेशान है। इसके ही दूसरी मार अफगानिस्तान सीमा पर झेल रही है। यहां पर तालिबान इनके लिए गले की हड्डी बनते जा रहा है। तालिबान अब पाकिस्तान पर हमले करने की सोच रहा है। इसके साथ ही कुछ आतंकवादी समूह भी पाकिस्तान के खिलाफ हैं। जिससे निपटना पाकिस्तानी सेना के लिए कठिन चूनौती बनते जा रहा है। इसी को लेकर दोनों मुल्कों के बीच दोस्ती दुश्मनी में बदल चुकी है।</p>
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पिछले हफ्ते पाकिस्तान में हुए एक आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादी गुटों पर कार्रवाई की थी। उसके बाद तालिबान ने आरोप लगाया कि इस दौरान पाकिस्तान के सैनिक सीमा पार कर अफगानिस्तान के क्षेत्र में चले गए। तालिबान ने चेतावनी दी थी कि आगे से ऐसी कार्रवाइयों को वह बर्दाश्त नहीं करेगा। इस बयान का रविवार को पाकिस्तान ने जवाब दिया। उसने तालिबान से कहा कि वह पाक-अफगान सीमा से जुड़े इलाकों को सुरक्षित बनाए और आतंकवाद में शामिल गुटों पर कार्रवाई करे।</p>
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि अफगानिस्तान की संप्रभु सरकार को दोनों देशों में शांति और प्रगति के लिए ऐसे कदम उठाने चाहिए। पाकिस्तान के बयान का लहजा खासा सख्त था। इसमें सीमा पार से पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आसिम इफ्तिखार ने कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान के अंदर हमले करने के लिए निर्भय हो कर अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं।</p>
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वहीं, 14 अप्रैल को पाकिस्तान के उत्तर वजीरीस्तान जिले में सुरक्षा बलों पर हमला हुआ था। उसमें पाकिस्तान के सात सैनिक मारे गए थे। पर्यवेक्षकों का कहना है कि हालांकि, तालिबान सरकार के साथ पहले से कड़वाहट बढ़ रही थी, लेकिन ताजा घटना के बाद दोनों देशों का रिश्ता बेहद टकराव भरा हो गया है। पाकिस्तान के सामने ये चुनौती उस समय खड़ी हुई है, जब देश में नई सरकार बनी है। उधर, अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटाए गए इमरान खान के समर्थक लगातार सेना और न्यायपालिका पर निशाना साध रहे हैं। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं का ऐसा तेवर शनिवार रात कराची में पार्टी की हुई विशाल जन सभा में भी जाहिर हुआ। इन आलोचनाओं से पाकिस्तान की सेना परेशान दिख रही है।</p>
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कमर बाजवा ने अपने एक बयान में कहा है कि, सेना को लेकर लगाई जा रही अटकलों और फैलाई जा रही अफाहों का तुरंत मुकाबला करने की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी दी है कि सेना के खिलाफ दुष्प्रचार से देश की साख के लिए खतरा पैदा हो रहा है।</p>
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आईएन ब्यूरो

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