<span style="color: #333333;">पाकिस्तान  </span>का पाप एक बार फिर दुनिया के सामने आया गया है। बिजली बनाने के नाम पर स्थापित किए गए एटॉमिक एनर्जी संयंत्र में पाकिस्तान <span style="color: #333333;">(Pakistan) </span> परमाणु बम (Nuclear Bomb)बनाने में जुटा हुआ है। पाकिस्तान के आर्थिक हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं लेकिन वो अपनी करतूतों पर लगाम नहीं रहा है। पाकिस्तान का हाल एक खुदकश आतंकी की तरह है। पाकिस्तान खुद भी जानता है कि एक दिन यही परमाणु बम (Nuclear Bomb) उसकी बर्बादी का सबब बन सकता है। पाकिस्तान को (Nuclear Bomb) चोरी से भारत ने नहीं बल्कि 'मैक्सार'  ने पकड़ा है।
मैक्सार टेक्नोलॉजीस की सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान ने चश्मा संयंत्र (Chashma Nuclear Plant) में परमाणु बम बनाने के लिए प्लूटोनियम रिप्रोसेसिंग प्लांट (Plutonium Processing Plant) की क्षमता में काफी बढ़ोत्तरी की है। पाकिस्तान इस प्लांट में प्लूटोनियम का जखीरा इकट्ठा कर रहा है, जिसका प्रयोग परमाणु बम बनाने में किया जा सकता है।
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पाकिस्तान सरकार ने अपने परमाणु संयंत्र के विकास कार्यक्रम को बेहद गोपनीय तरीके से 2018 में शुरू किया था। सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक पाकिस्तान ने इस कार्यक्रम को सितंबर 2020 तक पूरा कर लिया। वैश्विक परमाणु कार्यक्रम पर नजर रखने वाली संस्था इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी पाकिस्तान के इस प्लूटोनियम रिप्रोसेसिंग प्लांट की पहचान 2007 में ही कर ली गई थी। हालांकि, पाकिस्तान 2015 में इस प्लांट में काम शुरू कर पाया। परमाणु बम बनाने के लिए पाकिस्तान चश्मा प्लांट में ज्यादा प्लूटोनियम एकत्रित किया जा रहा है।
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<p dir="ltr" lang="en">Also see : Google Earth reveals suspected nuclear weapons facility in Pakistan, by Adam Vaughan <a href="https://t.co/4Et21T4jeR">https://t.co/4Et21T4jeR</a> 7/7</p>
— Inst for Science (@TheGoodISIS) <a href="https://twitter.com/TheGoodISIS/status/1333456512942039040?ref_src=twsrc%5Etfw">November 30, 2020</a></blockquote>
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पाकिस्तान के पास अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्राकृतिक स्त्रोतों की कमी है। ऐसे में बिजली उत्पादन के उद्देश्य से उसने 1972 में इस्लामाबाद से 250 किलोमीटर दूर मियांवाली जिले में चश्मा परमाणु संयंत्र की स्थापनी की थी। इस संयंत्र में 300 मेगावाट के 4 प्रेशराइज्ड वाटर रिएक्टर कार्य कर रहे हैं। पहला रिएक्टर कनाडा की मदद से शुरू हुआ था। जबकि बाकी के तीन रिएक्टर चीन की सहायता से चालू हुए थे। इस संयंत्र में पाकिस्तान अब प्लूटोनियम जमा कर रहा है, जिसका प्रयोग भविष्य में परमाणु बम बनाने में किया जा सकता है।
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