जिस पाकिस्तान की पैदाइश ही जिन्ना के नापाक इरादों के साथ हुई हो वहां गैर मुस्लिमों खासकर हिन्दू-सिखों के साथ इंसाफ की बात सोचना भी खामख्याली से ज्यादा कुछ नहीं है। बुराई पर अच्छाई के प्रतीक विजयादशमी के पावन पर्व पर पाकिस्तान में हिंदुओं की आस्था को चोट पुहंचाई जा रही है। मां दुर्गा की प्रतिमा और प्रतिमा को भ्रष्ट किया जा रहा है। भारत के हर मामले में टांग अड़ाने वाले इमरान खान की आंख पर काली पट्टी पड़ी हुई है। सनातनी भारत के हिस्से को काट कर बनाए गए इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान से हिंदु-सिखों को इंसाफ की उम्मीद भी नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि वो किसी सेक्युलर देश में रह ही नहीं रहे वो इस्लामिक रिपब्लिक में रह रहे हैं। जहां अल्लाह और इस्लाम के अलावा सब कुछ गैर जायज है, गैर आईनी (शरिया कानून के मुताबिक असंवैधानिक) है। इस्लामिक रिपब्लिक का कथित जातंत्र वहां के मुसलमानों के लिए होता है- जिसे शरिया के हिसाब से लागू किया जाता है। इस्लामिक रिपब्लिक में दीगर मजहबी लोग काफिर हैं। जो मुसलमानों की दया पर जिंदा हैं। इस्लामिक रिपब्लिक में रहने के लिए उन्हें मुसलमान बनना होगा या घुट-घुट कर मरना होगा।
इमरान खान पाकिस्तान के हिंदु-सिखों के लिए जो भी बयान होते हैं वो सिर्फ दिखावे के लिए होते हैं। इमरान खान तो पाकिस्तान को रियासत-ए-मदीना जैसा बनाना चाहते हैं और मदीना में गैर मुस्लिमों की न पहले कोई जगह थी और न आज है। मदीना जाने वाले हाईवेज पर अरबी के साथ अंग्रेजी के कैपिटल लेटर्स में ONLY FOR MUSLIMS लिखा होता है। साफ है कि जिस तरह मदीना में गैर मुस्लिमों के लिए कोई स्थान नहीं है तो पाकिस्तान में भी नहीं हो सकता।
<img class="wp-image-15852 size-full" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/10/nonemuslims-madina-3.jpg" alt="only Muslims Madina" width="1280" height="850" /> Only Muslims Madina: मदीना में जब गैर मुस्लिम घुस नहीं सकते तो इमरान खान के रियासत-ए-मदीना (पाकिस्तान) में गैर मुस्लिम भला कैसे रह सकते हैं?इमरान खान ने करतारपुर साहिब में भी जो किया है वो सिखों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने के लिए नहीं बल्कि भारत के खिलाफ 'रेफरेंडम 2020' जैसी साजिशों के तहत किया गया। आजादी से पहले के पंजाब का आधे से ज्याद हिस्सा पाकिस्तान में है। एक वर्ग की धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले पाकिस्तान ने कभी नहीं कहा कि वो ननकाना साहिब, पंजा साहिब और करतारपुर साहिब सहित सिखों के धार्मिक स्थानों की प्रशासनिक व्यवस्था सिखों के हाथ में दे सकता है। इमरान हो या कोई और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठा मुसलमान पाकिस्तान में सिख-हिंदुओं की हिफाजत नहीं कर सकता क्यों कि वो शरिया कानूनों का लबादा ओढ़े हुए हैं। शरिया में गैर मुस्लिमों के लिए कोई जगह नहीं है।
बहरहाल, इतनी लंबी चौड़ी भूमिका इसलिए लिखनी पड़ी क्यों कि विजयादशमी के ऐन पावन पर्व पर पाकिस्तान के थारपारकर जिले के नागारपारकर शहर में मुस्लिमानों ने मां दुर्गा की मूर्ति को खंडित कर दिया है। हमलावरों ने मंदिर को भी जमकर नुकसान पहुंचाया है। इससे पहले सिंध के ही बादिन में 10 अक्टूबर को कट्टरपंथियों ने एक मंदिर में को भ्रष्ट कर दिया था।
दुर्गा मंदिर के पुजारी के अनुसार आधी रात को कुछ लोग मंदिर परिसर में घुसे और दरवाजे को बंद कर मूर्ति को खण्डित कर दिया। हिंदुओं की आस्था पर हमला करने वालों के खिलाफ पाकिस्तान की पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
हमलावरों के खिलाफ पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की है।  पहले भी पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार होते रहे हैं लेकिन इमरान खान के सत्ता में आने के बाद हिंदू-सिखों मंदिर-गुरुद्वारों पर हमले, हिंदु-सिखों के जबरन धर्मान्तरण, हिंदू-सिख लड़कियों के अपहरण-बलात्कार और हिंदू-सिखों की हत्या में बेतहाशा बढोत्तरी हुई है।.
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