पाकिस्तानी आर्मी के कोर कमांडर या 'करोड़' कमांडर

पाकिस्तान में कहा जाता है कि चांद में दाग हैं , लेकिन पाकिस्तानी फौज और उसके कमांडरों पर कोई दाग नहीं और अगर हैं भी, तो चुप रहो। इन जनरलों के भ्रष्टाचार और धांधलियों पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। इन दिनों पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ जरदारी सहित कई नेता जेल में भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल बंद हैं लेकिन आज तक किसी भी जनरल पर कोई आरोप लगा ही नहीं।

कहा भी जाता है कि पाकिस्तान में अल्लाह और आर्मी के खिलाफ बोलना खुदा के खिलाफ बोलना है। पाकिस्तान की मीडिया की सुर्खियों में नेताओं के भ्रष्टाचार और उनके जेल जाने की खबरें आए दिन छपती रहती हैं, लेकिन फौज के किसी कमांडर के खिलाफ बोलने-लिखने की हिम्मत नहीं। ताजा उदाहरण है पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल आसिम सलीम बाजवा का है।

बाजवा चीन और पाकिस्तान की गेमचेंजर 62 अरब डालर की योजना-सीपीइसी (CPEC) यानि सीपेक यानि चीन- पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के चेयरमैन भी हैं। पाकिस्तान में आर्मी चीफ के बाद चीन की नजरों में वो दूसरे सबसे पॉवरफुल जनरल हैं। पाकिस्तानी वेबसाइट फैक्ट फोकस के खोजी पत्रकार अहमद नूरानी ने अपनी रिपोर्ट में ले. जनरल आसिम सलीम बाजवा और उनकी पत्नी, बेटे और भाइयों पर करोड़ों डॉलर की गैर-कानूनी कमाई का खुलासा किया है।

पहली बार किसी ने पाकिस्तानी जनरल पर उंगली उठाने की जुर्रत की और पाकिस्तान के सत्ता के गलियारों में हड़कंप मच गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी खुल कर आसिम बाजवा का बचाव कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष प्रधानमंत्री इमरान खान से बाजवा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहा है।

पाकिस्तान आर्मी ने खबर प्रकाशित करने वाली वेबसाइट को हैक करा कर बंद करने की कोशिश की लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। तब रिपोर्टर को जान से माने की धमकी दी जाने लगी। तब तक रिपोर्ट को लाखों पाकिस्तानियों ने पढ़ लिया था। ले. जनरल आसिम बाजवा की कहानी काफी दिलचस्प है। आसिम बाजवा के भाई नदीम बाजवा ने पिज्‍जा रेस्‍त्रां पापा जॉन में डिल‍ीवरी ड्राइवर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। तकदीर पल्टी सन् 2002 में जब जनरल असीम तत्‍कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ के स्टॉफ अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में तैनात थे। उसी साल नदीम बाजवा ने पापा जॉन रेस्तरां की फ्रेंचाइजी लेकर रेस्तरां खोला।

कुछ ही सालों में उनके भाइयों ने बाजको कंपनी ग्रुप बनाया, जिसमें जनरल आसिम बाजवा की पत्नी फार्रुक जेबा की अच्छी खासा भागीदारी है। 2012 में जनरल बाजवा पाकिस्तानी आर्मी के प्रोपेगेंडा विंग आईएसपीआर (ISPR-Inter State Public Relations) के डायरेक्टर जनरल बने। उसी दौरान उनके बेटों ने बाजको कंपनी ग्रुप में बतौर डायरेक्टर ज्वाईन किया।

अपने पिता के पाकिस्‍तानी सेना के प्रवक्‍ता रहने के दौरान देश और अमेरिका के अंदर नई कंपनियां बनानी शुरू कर दीं। अब यह कंपनियां चार देशों- अमेरिका, यूएई और कनाडा में भी मौजूद हैं। इनका कारोबार अरबों रुपये में है। वेबसाइट की रिपोर्ट का दावा है कि आज आसिम बाजवा के भाइयों, पत्नी और बच्चों के पास चार देशों में 99 कंपनियां हैं। इसके अलावा उनके पास 130 रेस्तरां फ्रेंचाइजी और 13 व्यावसायिक प्रॉपर्टी भी हैं। अमेरिका में उनके दो शॉपिंग मॉल हैं।

ले. जनरल बाजवा 2017 में साउथर्न कंमाड के कोर कंमाडर नियुक्त किए गए थे। उस दौरान उनकी पत्नी और बेटों ने अमेरिका और कनाडा में आलीशान रिहायशी बंगले भी खरीदे थे। दिलचस्प बात यह है कि कुछ महीने पहले ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ की सलाह पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने रिटायर्ट लेफ्टीनेंट जनरल असीम बाजवा को अपना विशेष सलाहकार नियुक्त किया था। पद भार ग्रहण करते समय बाजवा अपने हलफनामे में कहा था कि उनकी पत्नी के नाम सिर्फ 18000 डॉलर का निवेश है और बाजको कंपनी का जिक्र भी नहीं किया था।

करोड़ो की धांधली के खुलासे बाद बाजवा ने ट्वीट करके कहा कि यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है। बाजवा की कहना है कि उनके दो भाई 25 साल पहले अमेरिका गए थे, जहां उन्होंने मेहनत-मजदूरी की और बिजनेस शुरू किया। खुद उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है और न ही उनके बेटे का, जो वहां पढ़ने के लिए गया था। उनके खिलाफ सारे आरोप  बेबुनियाद हैं। सिर्फ बदनाम करने की साजिश है।

गौरतलब है भ्रष्टाचार के मामले में अपने राजनैतिक विरोधियों को फौरन जेल में बंद करवाने वाले इमरान खान इस मामले में बिल्कुल चुप हैं। यही नहीं मीडिया को भी आर्मी की सख्त हिदायत है कि इस मामले में फौज की तरफदारी करें। आर्मी के रिटायर्ड जनरल्स, मीडिया में इस मामले को दुश्मनों की साजिश बताते नहीं थक रहे। कुछ तो इसके लिए भी भारत की खूफिया एजेंसी रॉ को जिम्मेदार बता रहे हैं।

सेना के एक रिटायर्ड मेजर जनरल एजाज आवान कहना है , "आसिम बाजवा बहुत ही ईमानदार और अच्छे आदमी हैं. उन्हें सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह सीपेक (CPEC) अथॉरिटी के चेयरमैन हैं और सीपेक पर तेजी से काम हो रहा है । यह बात इस क्षेत्र के और क्षेत्र के बाहर के देशों को पसंद नहीं है। तो वे पाकिस्तान में कुछ लोगों का समर्थन कर रहे हैं ताकि बाजवा जैसे लोगों को बदनाम किया जा सके और सीपेक की राह में रोड़े अटकाए जाएं।"

पाकिस्तानी फौज की तरफ से हास्यास्पद दलीलें दी जा रही हैं। रिटायर्ड जनरल अमजद शोएब ने एक पाकिस्तानी चैनल पर कहा , "इस मुहिम का एक मकसद यह है कि सीपेक के खिलाफ साजिश की जाए और इन साजिशों को अमेरिका और चीन के आपसी कोरोबारी होड़ के संदर्भ में देखना चाहिए। भारत और अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसियों को भी ध्यान में रखना होगा, जो पाकिस्तानी सेना को कमजोर करना चाहती हैं. इन देशों को मालूम है कि फौज पाकिस्तान का सबसे डिसीप्लिन्ड फोर्स है जिसने देश को संभाले रखा है और जब तक यह मजबूत है, देश पर कोई आंच नहीं आ सकती ।"

लेकिन पाकिस्तान की मीडिया भले ही चुप हो, सोशल मिडिया पर जनरल आसिम बाजवा और इमरान खान का अच्छा खासा मजाक बन रहा है। पाकिस्तान में वहां की फौज की कारस्तानी किसी से नहीं छुपी है। लोगों का मानना है कि सीपेक के निर्माण में चीन ने पाकिस्तानी आर्मी के जनरलों को करोड़ो रुपये का कमीशन दिया है। यही नहीं, पाक अधिकृत कश्मीर, गिलगिट – बलिस्तान और बलूचिस्तान में सोन और तांबा की खानों ,गैस कुंए, और दूसरे प्रोजेक्ट्स का ठेका चीनी कंपनियों को मिला है। इसके एवज में जनरलों को करोड़ों रुपये दिए गए हैं। लेकिन पाकिस्तानी आर्मी का खौफ इस कदर काबिज है कि कोई बोल नहीं रहा। बलूचिस्तान के लोगों की शिकायत भी यही है जिन्हें पाकिस्तान की फौज कुचलने पर तुली है।

पाकिस्तान की त्रासदी यही रही है कि सरकार चाहे किसी की हो, विदेश नीति, सुरक्षा नीति , डिफेंस की खरीददारी, आर्थिक नीति, बैंकिग, रेलवे, एवियेशन, बिजली, तेल कंपनियां, सब पर पाकिस्तानी फौज काबिज है। इसके अलावा सरकारी कारपोरेशन के सर्वेसर्वा पाकिस्तानी जनरल ही हैं। फौज के प्राईवेट बिजनेस भी हैं जिसका करोबार 300 अरब डॉलर से भी ज्यादा है। इसके अलावा इनके अपने कई ट्रस्ट भी हैं – फौजी फाउडेंशन, आर्मी वेलफेयर ट्रस्ट, शाहिन फाउडेंशन, बहपरिया ट्रस्ट, डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी वगैरह और इन ट्रस्टों की अपनी कंपनियां हैं जो गल्फ देशों में निवेश करती हैं।

पाकिस्तानी इन करोबार को पाक आर्मी बिजनेस एंपायर कहते हैं। पाकिस्तानी आर्मी तालीबान के साथ अरबों रुपये के ड्रग स्मलिंग में भी शामिल रही है। पाकिस्तान में सिनेमा उद्योग लगभग ठप्प पड़ा है। लिहाजा एक बहुत बड़ा उद्योग विडियो या फिल्म पाइरेसी का है जिसे दाउद इब्राहम संभालता है। यह बात छुपी नहीं है कि पाकिस्तानी आर्मी के संरक्षण में करोड़ों का आडियो-वीडियो का पाईरेसी करोबार चल रहा है। हालीवुड और बालीवुड दोनों ही इस मामले को उठाते रहे हैं।

इसके अलवा सऊदी अरब से भी मदरसों और धार्मिक स्थलों के नाम पर करोड़ो रुपये मिलते हैं, जिन्हें पाकिस्तानी फौज अपना ही समझती है। सऊदी अरब भी इन आर्मी जनरलों पर मेहरबान रहता है। पाकिस्तानी तालाशाह परवेज मुशर्रफ को रिटायरमेंट के बाद सऊदी अरब ने ही करोंड़ों का घर दुबई और लंदन में खरीद कर दिया था। पूर्व पाकिस्तानी आर्मी चीफ राहील शरीफ को रिटायरमेंट के बाद 400 करोड रुपये की 90 एकड़ जमीन तोहफे में दी गई थी।

इस पूरे वाकये पर एक पाकिस्तानी पत्रकार ने कहा, " किस पचड़े में फंसे हो आप..कोई इस मामले पर कोई नहीं बोलेगा, मरना है क्या, यही पाकिस्तान है। आपकी फौज तो बाढ़ हो या जलजला हो, हमेशा मदद करती है लेकिन यह (पाकिस्तानी आर्मी) सिर्फ 'कू' करती है।

1998 में अपने चुनावी रैली में जमात इस्लामी के अमीर मौलाना काजी हुसैन अहमद ने पाकिस्तानी आर्मी के अफसरों के बारे में  सही कहा था कि " ये 'कोर कंमाडर्स’ नहीं बल्कि 'करोड़ कमांडर्स' हैं।".

डॉ. शफी अयूब खान

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago