‘Covid-19 का टीका नहीं तो नौकरी नहीं’ देखिए इस देश में मचा है बड़ा बवाल

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ऑस्ट्रेलिया की स्कॉट मॉरिसन सरकार ने देश में एक बड़ा कदम उठाते हुए ऐलान किया है कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई है उन्हें नौकरी पर जाने की इजाजत नहीं होगी, जिसके बाद लाखों लोग सड़कों पर आ गए हैं। सरकार के इस फैसले के बाद लोग जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। काम पर वही कर्मचारी जा सकते हैं जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोजें ले रखी है।</p>
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<img alt="" src="https://hindi.indianarrative.com/upload/news/Austrila_Lockdown.jpg" style="width: 720px; height: 420px;" /></p>
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ऑस्ट्रेलिया में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहा हैं, बीते 20 दिनों से हर रोज कोरोना के 1600 से ज्यादे मामले सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा भी बढ़ गया है, जिसे देखते हुए बड़े शहरों में सख्त लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसके साथ ही जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है उन्हें काम पर जाने से रोक दिया गया है जिसे लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है।</p>
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हालांकि, कुछ शहरों में वैक्सीन लगवा चुके कर्मचारियों को काम करने की अनुमति है। सरकार के इस फैसले को लेकर कंस्ट्रक्शन कंपनी के हजारों कर्मचारी सड़कों पर उतर आए हैं, जो टीका विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों को कहना है कि, एक तो लॉकडाउन ने उनकी आर्थिक रूप से कमर तोड़ दी है और सरकार ने सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को काम करने की अनुमति दी है, जो वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं, ऐसे में उनके भूखों मरने की नौबत आ जाएगी।</p>
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<img alt="" src="https://hindi.indianarrative.com/upload/news/Protest_In_Austrila_Lockdown.jpg" /></p>
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ऑस्ट्रेलिया के दूसरे सबसे बड़े शहर मेलबर्न में लोगों ने सरकार के इस फैसले का जमकर कर विरोध किया। प्रदर्शन को ज्यादा बढ़ता देख पुलिस ने बुधवार को प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियां दागीं। इस दौरान  पुलिस और कर्मचारियों के बीच हिंसक झड़प भी हुई। अब तक इसमें 72 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए मिर्च (पेपर स्प्रे) का छिड़काव किया।</p>
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बता दें कि, कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान घातक डेल्टा वेरिएंट का पता चला। विशेषज्ञों ने दूसरी लहर में तेजी से संक्रमण फैलने के लिए इसी वेरिएंट को जिम्मेदार ठहराया। ये वेरिएंट अब तक 185 देशों में फैल चुका है। ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के कई देशों में इस वेरिएंट का असर देखने को मिल रहा है।</p>
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आईएन ब्यूरो

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