अंतर्राष्ट्रीय

ये आबादी कैसे रुकेगी? कट्टरपंथी मुल्लों ने कॉनडम बेचने पर लगाई पाबंदी!

एक तरफ पूरी दुनिया भारत आबादी कम करने के तमाम उपाय ढूंढ रहा है वहीं कट्टरपंथी मौलाना मुसलमानों की आबादी बढ़ाने के लिए कॉनडम और कॉन्ट्रासेप्टिव्स को हराम बता रहे हैं। पाकिस्तान के बड़े इलाकों में कॉन्ट्रॉसेप्टिव्स हराम है। अगर कोई कॉन्ट्रॉसेप्टिव्स इस्तेमाल करते पाया गया तो उसकी सजा मुकर्रर। इसी तरह से अपगानिस्तान के तालिबान ने मुल्क दो खास शहरों में गर्भनिरोधकों की बिक्री पर रोक लगा दी है। तालिबान का कहना है कि महिलाओं द्वारा गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल पश्चिमी देशों द्वारा मुस्लिमों की आबादी नियंत्रित करने की साजिश है। रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान इसके लिए डोर टू डोर कैंपेन चला रहा है। इस दौरान मिडवाइफों और फार्मेसियों को धमकी भी दी जा रही है। उनसे कहा जा रहा है कि वह बर्थ कंट्रोल करने वाली दवाएं और उपकरण न बेचें।
अंग्रेजी अखबार द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थय महकमे के मातहतों से कहा जा रहा है कि आप लोगों को बाहर जाने और गर्भनिरोधक बेचने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा मेडिकल स्टोर चलाने वालों को भी इसी तरह की धमकियां दी जा रही हैं। काबुल के एक दुकानदार के मुताबिक बर्थ कंट्रोल पिल्स और कुछ इंजेक्शंस को फार्मेसी में रखने की इजाजत नहीं है। ऐसा इस महीने की शुरुआत से ही हो रहा है। अब तो हमें अपने यहां बचे हुए स्टॉक को भी बेचने में डर लग रहा है
तालिबान के इस कदम को महिलाओं के अधिकार पर एक और हमले के रूप में देखा जा रहा है। अगस्त 2021 में अमेरिकी सेनाओं के अफगानिस्तान से हटने के बाद तालिबान यहां पर सत्ता में आया है। इसके बाद से उसने महिलाओं के खिलाफ कई फैसले लिए हैं। तालिबान ने यहां पर लड़कियों की उच्च शिक्षा पर पाबंदी लगा दी। महिलाओं के लिए यूनिवर्सिटी बंद कर दी गई। महिलाओं को नौकरी छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया और घर छोड़ने पर पाबंदी लगा दी गई।
अफगानिस्तान में पैदा हुई शबनम नसीमी लंदन में सोशल एक्टिविस्ट हैं। शबनम के मुताबिक तालिबान द्वारा महिलाओं के अधिकारों पर कब्जा करना पहले ही गलत था। अब तो वह उसके पूरे शरीर पर ही अधिकार जताने लगा है। यह पूरी तरह से अपमानजनक है। शबनम ने कहा कि फैमिली प्लानिंग और मुफ्त में गर्भनिरोधक उपायों की उपलब्धता मूल मानवाधिकारों की श्रेणी में आते हैं। साल 2021 में ह्यूमन राइट्स की वॉच रिपोर्ट आई थी। इसके मुताबिक अफगानिस्तान में मांओं के स्वास्थ्य और फैमिली प्लानिंग से जुड़ी कई मूल सुविधाएं अफगानिस्तान में उपलब्ध नहीं हैं।

 

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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