Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के नए राष्ट्रपति चुने गए रानिल विक्रम सिंघे, प्रदर्शनकारियों ने नकारा, कब खत्म होगा संकट!

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श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे बन गए हैं, उन्होंने सांसदों ने अपना नया राष्ट्रपति चुना है। फिलहाल,  विक्रमसिंघे अभी श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभाल रहे हैं। ऐसे में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए श्रीलंकाई संसद में आज सभी सांसद उपस्थित रहे। वहीं आज संसद में पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे भी मौजूद थे। राष्ट्रपति चुनाव से पहले श्रीलंकाई संसद के बाहर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी।</p>
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बता दें, श्रीलंका की संसद में हुए राष्ट्रपति चुनाव को जीतने वाले रानिल विक्रमसिंघे को 134वोट मिले हैं। वहीं दुलस अल्हाप्परुमा को 82और अनुरा कुमार दिसानायके को सिर्फ 3वोट मिले हैं। सभी पार्टियों ने अपने सांसदों को फरमान जारी किया किया था कि अपने वोट की तस्वीरें क्लिक करें। जिसके बाद संसद में फोन नहीं लाने के आदेश जारी कर दिए। स्पीकर का कहना है कि चुनाव के दौरान आज किसी भी सांसद को मोबाइल फोन सदन में लाने की इजाजत नहीं होगी। कल, पार्टी के कुछ नेताओं ने कथित तौर पर अपने सांसदों से गुप्त मतदान में क्रॉस-वोटिंग की जांच के लिए अपने मतपत्रों की तस्वीरें लेने के लिए कहा था।</p>
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<strong>टॉप पर थे विक्रमसिंघे</strong></p>
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एसएलपीपी के अध्यक्ष जी एल पीरिस ने मंगलवार को कहा था कि सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी के अधिकतर सदस्य इससे अलग हुए गुट के नेता अल्हाप्पेरुमा को राष्ट्रपति पद के लिए और प्रमुख विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा को प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जाने के पक्ष में थे। मगर रानिल विक्रमसिंघे हमेशा से रेस में सबसे आगे चल रहे थे। विक्रमसिंघे को 134वोट मिले हैं।</p>
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<strong>कौन हैं विक्रमसिंघे?</strong></p>
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श्रीलंका की एक प्रभावी सिंहली परिवार में जन्‍में विक्रमसिंघे पेशे से एक वकील हैं। सिर्फ 28साल की उम्र में उन्‍हें उप-विदेश मंत्री का पद दिया गया था। उनकी काम करने की क्षमता ने बहुत कम समय में कई नेताओं को प्रभावित किया था। 5अक्‍टूबर 1977को विक्रमसिंघे को फुल कैबिनेट पद मिल गया और वो युवा मामलों के मंत्री बने। साल 1980की शुरुआत तक उनके पास ये पद रहा। विक्रमसिंघे राजनीति में आगे बढ़ते जा रहे थे। साल 1993में तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति रानासिंघे प्रेमदासा को एक आत्‍मघाती हमले में लिट्टे आतंकियों ने मार दिया था। उनकी मौत के बाद प्रधानमंत्री डीबी विजीतुंगा को कार्यवाहक राष्‍ट्रपति बनाया गया। 7मई 1993को विक्रमसिंघे को पहली बार देश का प्रधानमंत्री नियुक्‍त किया गया था।</p>
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आईएन ब्यूरो

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