कश्मीर में हो रहे G-20 मीटिंग के बाद से पाकिस्तान बोखला गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) सोमवार को पीओके में थे। यहां पर उन्होंने प्रांतीय सभा को संबोधित किया और फिर एक बार कश्मीर पर जहर उगला। श्रीनगर में जी-20 आयोजन के दौरान ही बिलावल पीओके के दौरे पर निकले हैं। बिलावल 23 मई तक पीओके में रहेंगे। प्रांतीय सभा को संबोधित करते हुए बिलावल ने कहा कि वह पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री हैं जो पीओके का दौरा कर रहे हैं। बिलावल ने कहा कि जिस गंभीरता से पीओके प्रांत के मंत्री सभा में आए हैं वह यह बताने के लिए काफी है कि पाकिस्तान इस मामले के लिए कितना संजीदा है।
बिलावल ने जम्मू कश्मीर को एक ‘विवादित एजेंडा’ कहकर संबोधित किया
बिलावल (Bilawal Bhutto) ने जम्मू कश्मीर को एक ‘विवादित एजेंडा’ कहकर संबोधित किया। उनका कहना था कि यह एक ऐसा एजेंडा है जो बंटवारे के समय से ही अधूरा है। उनकी मानें तो पीओके को उन्होंने काफी संघर्ष के बाद हासिल किया है। उनकी मानें तो इतिहास को कभी नहीं बदला जा सकता है। भारत आज दुनिया को यह आश्चस्त करने में लगा है कि जम्मू कश्मीर एक अविवादित हिस्सा है और उसकी सीमा में आता है। मगर इतिहास रखता है कि कैसे भारत जम्मू कश्मीर विवाद को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) तक लेकर गया था। वहां पर जम्मू कश्मीर विवाद को अंतरराष्ट्रीय मसले के तौर पर पहचान मिली। बिलावल की मानें तो यूएन ने यहां पर जनमत संग्रह की बात कही थी। लेकिन भारत ने आज भी यहां के नागरिकों को इसका अधिकार नहीं दिया है।
कश्मीरियों को डर के साए में सांस लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है
उन्होंने दुनिया से अपील की उनकी मानें तो भारत अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहा है। साथ ही कश्मीर के निवासियों को भी उनके हक देने से इनकार कर रहा है। भारत को सुरक्षा परिषद के नियमों के तहत सात दशकों से जारी वादा खिलाफी का तोड़ना होगा और जनमत संग्रह कराना होगा। उन्होंने जनमत संग्रह न कराने को गैरकानूनी करार दिया है। बिलावल की मानें तो आज भारत ने कश्मीर को एक खुले जेल में तब्दील करके रख दिया है जहां पर कश्मीरियों को डर के साए में सांस लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उनकी मानें तो हजारों कश्मीरियों की हत्या की गई है और कई गायब हैं। बिलावल के मुताबिक भारत की सेनाएं कश्मीरियों पर अत्याचार कर रहे हैं।
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