अंतर्राष्ट्रीय

भारत के दुश्‍मन पर मेहरबान रूस! अब खरीदेगा बासमती चावल, कभी कीड़ों की वजह से लगाया था बैन

भारत के खास दोस्त और उसके पुराने दुश्‍मन पाकिस्‍तान (Pakistan) के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं। तेल के बाद अब दोनों देश चावल के बहाने करीब हो रहे हैं। डॉन अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस की सरकार ने पाकिस्‍तान की 15 और चावल कंपनियों को निर्यात की मंजूरी दे दी है। ये खबर पाकिस्‍तान के लिए इसलिए भी महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि वर्तमान वित्‍त वर्ष में उसकी तरफ से होने वाले चावल निर्यात में खासी कमी देखी गई थी। पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्रालय के संरक्षण विभाग (DPP) की तरफ से पिछले दिनों एक तकनीकी ऑडिट किया गया था।

इस वजह से किया था बैन

पाकिस्‍तान के खाद्य मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार को इस बारे में एक बयान जारी किया गया। इस बयान में मंत्रालय ने कहा कि यह निर्यात देश की समग्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। चावल में कीड़ों का पता लगने के बाद रूस ने पाकिस्तान से आने वाला चावल बैन कर दिया था। साल 2021 में रूस की तरफ से यह प्रतिबंध हटा लिया गया था। मगर उस समय सिर्फ चार ही मिलों को मंजूरी दी गई थी। ये वो कंपनियां थी जो गुणवत्ता मानकों पर खरी उतरी थीं।

किसानों को फायदा होगा

चावल की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार के बाद चावल निर्यात करने के लिए इन कंपनियों को एसपीएस आवश्यकताओं के अनुरूप लाने के लिए कई कोशिशें की गई हैं। अब 19 चावल कंपनियां रूस को चावल निर्यात कर सकती हैं। यह कदम चावल के किसानों के लिए अच्छी खबर है, खासकर पंजाब और सिंध में। इन हिस्‍सों में किसानों की कमाई का मुख्य स्रोत इन निर्यातों पर ही आधारित है।

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अब दूसरे बाजारों पर नजरें

पाकिस्‍तान के बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह समझौता अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चावल के और ज्‍यादा निर्यात के लिए भी दरवाजा खोलेगा। पाकिस्‍तान कोशिशें कर रहा है कि एशिया, यूरोप, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया को भी वह अच्‍छा चावल निर्यात कर सके। पाकिस्तान का बासमती निर्यात पिछले वित्तीय वर्ष 695,564 टन से साल 2023 के वित्‍तीय वर्ष में 541,492 टन तक गिर गया है। साल 2022 में उसे चावल के निर्यात से 1.6 अरब डॉलर हासिल हुए थे। जबकि इस वर्ष यानी 2023 में उसे 1.4 अरब डॉलर से ही संतोष करना पड़ा है।

आईएन ब्यूरो

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