अंतर्राष्ट्रीय

रूस का China में दबदबा,सऊदी अरब के लिए बड़ा खतरा बने पुतिन! समझें क्या माजरा

रूस (Russia) ने दोस्‍त सऊदी अरब के लिए बड़ी चुनौती पैदा कर दी है। रूस ने एशिया के दो सबसे बड़े तेल बाजारों भारत और चीन में अपना दबदबा कायम कर लिया है। दरअसल, रूस सस्‍ता तेल दे रहा है और सऊदी अरब इस दौड़ में पिछड़ता जा रहा है, जिसके बाद अब सऊदी प्रिंस टेंशन में नजर आ रहे हैं। तेल उद्योग के चर्चित विशेषज्ञ पॉल सांके ने चेतावनी दी है कि एशिया में रूसी तेल के बढ़ते निर्यात से वैश्विक तेल बाजार में सऊदी अरब के प्रभुत्‍व को बड़ा खतरा पैदा हो गया है। रूसी (Russia) तेल ने सऊदी प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान के माथे पर तनाव की लकीरें खींच दी हैं। अगर केवल भारत की बात करें तो अब रूस अब तेल आपूर्ति के मामले में सबसे बड़ा खिलाड़ी बन गया है।

भारत अब अपनी कुल जरूरत का करीब 20 फीसदी तेल रूस (Russia) से खरीद रहा है। पॉल सांके ने कहा कि सऊदी तेल बनाम रूसी तेल से बाजार में प्रतिस्‍पर्द्धा काफी बढ़ गई है। उन्‍होंने सऊदी अरब के उस दावे को भी खारिज कर दिया कि शॉर्ट सेलर्स तेल के दामों में आई गिरावट के लिए जिम्‍मेदार हैं। उन्‍होंने सऊदी अरब के सलाह दी कि वह तेल के मामले में संतुलन पर सऊदी अरब का फोकस होना चाहिए।

सऊदी अरब-रूस में होगा तनाव

पॉल सांके ने कहा कि रूसी रणनीति है कि अपने तेल के निर्यात को यूरोप से हटाकर अब एशिया में बेचा जाए। अब तक सऊदी अरब ही एशिया में तेल की आपूर्ति में दबदबा रखता था। उन्‍होंने कहा कि इससे दोनों ही तेल निर्यातक देशों के बीच एक प्रतिस्‍पर्द्धा शुरू हो गई है जो काफी अहम है। उन्‍होंने कहा कि सऊदी प्रिंस और रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन (Putin) के बीच अच्‍छे संबंधों के बाद भी तेल के खेल से टेंशन पैदा होने की आशंका बढ़ गई है।

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मालूम हो यूक्रेन युद्ध के पहले तक भारत केवल 2 फीसदी रूसी तेल खरीदता था लेकिन यह अब बढ़कर कुल जरूरत का 20 फीसदी हो गया है। भारत ने रूसी सीबॉर्न तेल खरीदने के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। वहीं चीन भी हर दिन करीब 8 लाख बैरल तेल पाइपलाइन के जरिए रूस से खरीद रहा है। नाटो देशों के प्रतिबंध लगाने के बाद अब रूस अपने ऊर्जा निर्यात में विविधता ला रहा है।

सऊदी अरब रूस के खिलाफ रणनीति बनाए

इस तरह से एशिया में तेल के व्‍यापार में अब सऊदी अरब के लिए रूस बड़ी चुनौती बन गया है। पॉल सांके ने सऊदी अरब को सलाह दी कि उसे रूस के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए प्रभावी रणनीति बनानी होगी। रूस भारत समेत एशिया के कई देशों को बेहद सस्‍ते दर पर तेल दे रहा है जो प्रतिस्‍पर्द्धा को बढ़ा रहा है।

आईएन ब्यूरो

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