अंतर्राष्ट्रीय

China का दबाव रूस पर बेसर,Putin भारत को देगा ये खतरनाक हथियार,पलक झपकते ही दुश्मन ढेर

ये रूस (Russia) और भारत की दोस्ती है जो सदियों से चलती आ रही है और इस दौरान कही लोगों ने दोनों के रिश्ते को तोड़ने की पूरी कोशिश की लेकिन ऐसा हो न सका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद रूस के साथ रिश्ता काफी मजबूत हुआ है। पीएम मोदी कि दोस्ती जग जाहिर है। यूक्रेन जंग में रूस के खिलाफ भारत को जाने के लिए अमेरिका से लेकर दुनिया के कई बड़े देशों ने कहा लेकिन, दोनों देशों की दोस्ती को कोई हिला नहीं सका। ऐसे में भारत और चीन में चल रहे तनाव तथा यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने ऐलान किया कि वह भारतीय वायुसेना को अतिरिक्‍त सुखोई-30 एमकेआई और मिग-29 फाइटर जेट देने के लिए तैयार है। रूस के यूनाईटेड एयरक्राफ्ट कार्पोरेशन के महानिदेशक यूरी स्‍लयूसर ने भारत को नए फाइटर जेट देने की घोषणा की है। उन्‍होंने कहा कि मिग 29 फाइटर जेट का अत्‍याधुनिक वेरिएंट भी मौजूद है जो एयरक्राफ्ट कैरियर पर इस्‍तेमाल होता है।

रूसी मीडिया स्‍पूतनिक ने कहा कि रूस पहले ही भारत को 270 सुखोई फाइटर जेट की आपूर्ति कर चुका है। उन्‍होंने कहा कि इन सुखोई विमानों के कई कल पुर्जे तो भारत में ही बनाए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि हम भारत के साथ लंबी अवधि का सहयोग करना चाहते हैं ताकि अतिरिक्‍त विमानों की आपूर्ति की जा सके। उन्‍होंने यह भी उम्‍मीद जताई कि रूस को भारतीय वायुसेना की 114 फाइटर जेट की डील हासिल होगी। रूस ने अपने मिग-35 फाइटर जेट (Mikoyan MiG-35) का ऑफर दिया है।

रूस ने भारत को 13 अरब डॉलर के हथियार बेचे

रूस चाहता है कि भारत में सुखोई सुपरजेट का बड़े पैमाने पर उत्‍पादन किया जाए। यूरी ने कहा कि रूस का यह विमान 100 सीटों वाला है और भारत में इसकी भारी मांग हो सकती है। उन्‍होंने कहा कि रूस इस दिशा में हर सहयोग करने के लिए तैयार है। चीन ने यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस के साथ अपनी करीबी बढ़ा दी है। आलम हो गया है कि रूस अब कई मामलों में चीन का जूनियर पार्टनर बन गया है। भारत के साथ चल रहे तनाव के बीच चीन ने रूस पर दबाव डाला था कि वह घातक हथियार न दे। हालांकि रूस अभी इससे पीछे नहीं हटा है।

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बता दें कि पिछले 5 साल में रूस ने भारत को 13 अरब डॉलर के हथियारों की सप्‍लाइ की है। अभी भारत की ओर से रूस को 10 अरब डॉलर के हथियारों का ऑर्डर दिया गया है। भारत करीब 60 फीसदी रूसी हथियारों पर निर्भर है। वहीं अमेरिका समेत पश्चिमी देश भारत पर दबाव डाल रहे हैं कि वह रूस से हथियारों की खरीद को कम कर दे। इसके बाद भी भारत अभी रूस से हथियारों की खरीद जारी रखे हुए है।

आईएन ब्यूरो

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