Russia plan to take back Kherson: खेरसॉन से जब रूस ने पीछे कदम खींचा तो पूरी दुनिया में ये हल्ला हो गया कि रूस की जंग में हार हुई है। लेकिन, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब भी कोई फैसला लेते हैं तो इसके पीछे कोई बड़ा कारण जरूर होता है और सबसे बड़ी बात यह कि उन्होंने जब भी लड़ाई की रणनीति बदली है तब-तब यूक्रेन को भारी तबाही का सामना करना पड़ा है। खेरसॉन (Russia plan to take back Kherson) से पीछे हटना रूस की बहुत बड़ी चाल थी। रूस ने चक्रव्यूव तैयार किया जिसमें यूक्रेन बड़े आसानी से फंस भी गया। रूस के पीछे हटते ही यूक्रेन ने खेरसॉन में भारी सैनिकों की तैनाती कर दी। अब रूस खेरसॉन (Russia plan to take back Kherson) को तीन तरफ से घेर लिये हैं और उनके निशाने पर यूक्रेन के सैनिक हैं। ऐसे में खेरसॉन के चलते अब जेलेंस्की को बड़ा झटका लगने वाला है। पुतिन ने ऑपरेशन SINOP का ब्लूप्रिंट (blueprint for Operation SINOP) तैयार किया है। जो आने वाले दिनों यूक्रेन में भारी तबाही का ब्लूप्रिंट है।
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यूक्रेन में बड़े हमले की तैयारी, ऑपरेशन SINOP का ब्लूप्रिंट तैयार
रूस ने नए ऑपरेशन का ब्लूप्रिंट 1853 में ऑटोमन साम्राज्य और रूस के बीच ब्लैक सी में लड़ी जंग से लिया है। इस जंग को बैटल ऑफ SINOP कहा जाता है। इसी के आधार पर पुतिन ने ऑपरेशन SINOP का ब्लूप्रिंट बनाया है। खेरसॉन को खाली करना रणक्षेत्र के उस हिस्से को खाली करने की कवायद थी जहां अब सबसे बड़ा अटैक करने का प्लान बनाया गया है। रूस ने ऑपरेशन खेरसॉन Take Back शुरू कर दिया है। यूक्रेनी मीडिया की रिपोर्ट है कि रूस कैस्पियन सागर और Black Sea से यूक्रेन पर बड़ा हमला करने वाला है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी रूस के बड़े मिसाइल हमले की चेतावनी जारी की है। Black Sea में कैलिबर मिसाइलों से लैस युद्धपोत तैनात किए जा रहे हैं। खेरसोन पर हमले के लिए कैस्पियन सागर से रूस के 20 स्ट्रैटेजिक Tupolev Tu-95 बॉम्बर उड़ान भरेंगे।
बुरी तरह घिर गया यूक्रेन, नया प्लान मचाएगा तबाही
रूस ने जो नया प्लान बनाया है उसके तहत अब क्रेमलिन की ओर से खेरसॉन पर तीन तरह से हमले होंगे। पहला हमला आसमान से Tu-95 बॉम्बर करेंगे। साथ ही कैस्पियन और ब्लैक सी से युद्धपोत मिसाइल दागेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं थल सेना और आर्टिलरी से भी हमला होगा। रूस के थल सेना की तैयारियों की सैटेलाइट तस्वीरें भी आई हैं। जिसमें ईस्टर्न खेरसॉन के मोर्चे पर तैयारी की इन तस्वीरों में रूसी सेना के टैंक रोकने वाले रोकने वाले हेजहोग्स सबसे आगे दिखाई दे रहे हैं। उनके पीछे रूसी सेना ने बड़े-बड़े ट्रेंच बढ़ाए गए हैं। इसी से सटे बंकर बनाए गए हैं। मिलिट्री व्हीकल्स और इक्विपमेंट भी भारी मात्रा में तैनात किये गये हैं।
बीच में आकर NATO और खराब करेगा माहौल
NATO को रूस ने शुरुआत से ही इस युद्ध से दूर रहने के लिए कहा था। लेकिन, अमेरिका और नाटो ने इस जंग को और भी ज्यादा भड़का दिया। आज हाल यह है कि, परमाणु हमले की धमकी दी जाने लगी है। अगर परमाणु हमला हुआ तो इसकी जिम्मेदारी भले रूस पर हो लेकिन, इसके पीछे सबसे बड़े कारण अमेरिका और पूरे पश्चिमी देश ही होंगा। NATO एक बार फिर से इस जंग को भड़काना शुरू कर दिया है। दरअसल, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खेरसोन पर हमले का यह प्लान ब्लैक सी (Bleck Sea) और कैस्पियन सी (Caspian Sea) से तैयार किया है। ब्लैक और कैस्पियन सी में रूस की बढ़ती ताकत के खिलाफ NATO ने अपना पैंतरा चलने लगा है। नाटो देशों से 28 नवंबर को विदेश मंत्रियों की बैठक बुखारेस्ट में हुई, यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेटो प्रमुख जेंस स्टोलटेनबर्ग ने जो कहा कि, रूस की आक्रामकता के जवाब में NATO ब्लैक और बाल्टिक सागर में तैनाती बढ़ा रहा है। हमने नए बैटलग्रुप तैयार किए हैं, इनमें से एक रोमानिया में फ्रांस लीड कर रहा है, कनाडा के फाइटर जेट हमारे आसमान की सुरक्षा कर रहे हैं, अमेरिका की पैट्रियट मिसाइलें हमारा रक्षा मोर्चा मजबूत कर रही हैं। यानी इस जंग में अब NATO भी पूरी तरह से कूद गया है। अगर परमाणु हमला हुआ तो दुनिया रूस को जिम्मेदार ठहरायेगी। लेकिन, असली खेल तो नाटो रच रहा है।
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खेरसॉन के साथ ही कीव को ढहाने की भी तैयारी
रूस सिर्फ यूक्रेन से नहीं लड़ रहा है वो अमेरिका, नाटो और पूरे पश्चिमी देशों से अकेले लड़ रहा है। अब खबर तेज होने लगी है कि, खेरसॉन पर ट्रपिल अटैक के साथ ही यूक्रेन पर एख बड़ा कैमिकल हमला भी हो सकता है। केमिकल वेपन एक्टिविटी पर नजर रखने वाली संस्था OPCW (Organisation for the Prohibition of Chemical Weapons) ने एक रिपोर्ट जारी किया है। जिसमे दावा किया गया है कि, रूस ने केमिकल हथियारों की तैनाती कर दी है। अगर ये सच साबित हुआ तो खेरसॉन के साथ ही राजधानी कीव पर भी कैमिकल अटैक होगा और वो भी काफी भयानक।
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