एक और रूसी चेतावनी! कहा- सबका कारण NATO, युद्ध तब तक समाप्त नहीं होगा जबतक…

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यूक्रेन जंग का कारण सबसे बड़ा नाटो रहा है। रूस लगतार यूक्रेन को मना करता रहा कि नाटो में शामिल न हो। लेकिन, 2015 में हुए मिंस्क समझौते के बाद भी यूक्रेन हठ करने लगा कि, वो नाटो में शामिल होगा। नाटो में शामिल करना यूक्रेन को लेकर अमेरिका और पश्चिमी देशों की चाल थी। क्योंकि, जैसे ही यूक्रेन नाटो में शामिल होता वो रूस को हमला करने के लिए उकसाना शुरू कर देते। जैसे ही रूस हमला करता नाटो से सभी 30 मिलकर अकले रूस पर आक्रमण कर देते। ऐसे में रूस कभी नहीं चाहता था कि यूक्रेन नाटो में शामिल हो। यही इस जंग का असली कारण रहा। इन सबके बीच रूस ने सरमट अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (Sarmat intercontinental ballistic missile) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। ये मिसाइल दुनिया की सबसे शक्तिशाली मिसाइल मानी जा रही है, जिसे लेकर कहा जा रहा है कि यह किसी भी मिसाइल डिफेंस को भेदने में सक्षम है। इस मिसाइल परीक्षण के बाद अमेरिका और नाटो को बड़ा झटका लगा है। इस परीक्षण के बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि, यह मिसाइल रूस के दुश्मनों को रूक कर सोचने पर मजबूर कर देगी। अब रूस का कहना है कि, नाटो सबके लिए खतरा है और यह जंग तब तक समाप्त नहीं होगी जब तक नाटो पीछे नहीं हटता।</p>
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रूस के विदेश मंत्रालय के तहत स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल के सेकेंड डिपार्टमेंट के निदेशक एलेक्सी पोलिशचुक ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, रूसी सेना यूक्रेन में अपना टास्क पूरा कर लेने के बाद 'स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन' समाप्त कर देगी। रूसी समाचार एजेंसी TASS को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इन कार्यों में डोनबास के लोगों की सुरक्षा, यूक्रेन का निषेध और नाटो देशों से रूस के लिए खतरों की समाप्ति शामिल है। राजनयिक ने कहा, विशेष सैन्य अभियान तब समाप्त हो जाएगा जब उसके कार्य पूरे हो जाएंगे। इनमें डोनबास की शांतिपूर्ण आबादी की सुरक्षा, यूक्रेन का विसैन्यीकरण और निषेध, साथ ही नाटो देशों की ओर से कब्जा किए जाने के कारण यूक्रेनी क्षेत्र से रूस के लिए आने वाले खतरों की समाप्ति शामिल है। विशेष अभियान योजना के अनुसार चल रहा है। इसके सभी लक्ष्यों को हासिल किया जाएगा।</p>
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रूस मिसाइल सरमट अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल की खासियत के बारे में बात करें तो। इसे उत्तरी आर्कान्जेस्क क्षेत्र में मॉस्को से लगभग 800 किमी उत्तर में प्लासेत्स्क कोस्मोड्रोम से दागा गया था। इस मिसाइल ने रूस के सुदूर पूर्व में लगभग 6,000 किमी (3,700 मील) दूर कामचटका प्रायद्वीप में लक्ष्य को निशाना बनाया। माना जा रहा है कि, मिसाइल का वजन 200 टन से अधिक है औऱ ये 10 से अधिक वारहेड को ले जाने में सक्षम है। इसके अलावा यह 16 छोटे वारहेड को ले जा सकती है, जो वारहेड और काउंटरमेशर्स या हाइपरसोनिक बूस्ट-ग्लाइड वाहनों का संयोजन है। रूसी मीडिया की माने तो, सरमट एक तीन चरणों वाली, लिक्विड-ईंधन वाली मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 18,000 किमी है।</p>
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आईएन ब्यूरो

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