रूस और यूक्रेन जंग में हजारों लोग मारे जा चुके हैं। लाखों लोगों के घर उजड़ गए हैं। लेकिन, इसके बाद भी जेलेंस्की को लग रहा कि वो जंग जीत जाएंगे। जेलेंस्की को अच्छे से पता है कि वो इस जंग को कभी भी जीत नहीं सकते। वो सिर्फ पश्चिमी देशों के कहे पर चल रहे हैं जिसका असर रूस नहीं बल्कि खुद यूक्रेन पर दिख रहा है। जेलेंस्की अगर चाहे होते तो ये जंग कभी नहीं होती और हजारों लोगों की जाने नहीं जाती है लाखों लोग बेघर नहीं होते। लेकिन, उन्होंने अपनी अकड़ और पश्चिमी देशों के बहकावे के चलते रूस पर जीत हासिल करने चले थे। जेलेंस्की दुनिया के सामने मासूम बने रहे और संयुक्त राष्ट्र में पुतिन को आतंकवादी घोषित करने पर लगे रहे। अब तो संयुक्त राष्ट्र में भी ज्यादातर देशों ने उनका साथ छोड़ दिया है। जंग के बीच रूस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि, यूक्रेन ने उसके परमाणु संयंत्र पर गोलीबारी की है। जिसके बाद न्यूक्लियर डिजास्टर का खतरा बढ़ गया है।
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रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन की ओर से यह गोलाबारी जेपोरिझिया परमाणु संयंत्र पर की गई है। उसके अनुसार इस हमले में एक पाइपलाइन भी क्षतिग्रस्त हुई है। रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि यूक्रेन की ओर से लगातार हमले करने के पीछे का मकसद इंसानों के लिए न्यूक्लियर डिजास्टर उत्पन्न करना है। उन्होंने दावा किया कि यूक्रेन ने करीब 9 मिसाइल दागी हैं। इनमें से तीन मिसाइलें परमाणु संयंत्र में वहां गिरी हैं, जहां पर परमाणु ईंधन और रेडियोएक्टिव पदार्थ रखा जाता है। हालांकि संयंत्र की निगरानी की जा रही है और इसका रेडिएशन स्तर भी ठीक है।
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इस परमाणु संयंत्र पर खुद को फंसता देख यूक्रेन, रूस पर आरोप लगा रहा है। यूक्रेन का कहना है कि, आसपास लगातार लड़ाई जारी रहने से इस संयंत्र को नुकसान पहुंच सकता है और विकिरण का रिसाव हो सकता है। यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के शीघ्र बाद रूसी सैन्यबलों ने जपोरिजिया परमाणु संयंत्र और नीपर नदी के एक हिस्से के आसपास के क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। निकोपोल और मारहनेट शहरों समेत नदी के दूसरे क्षेत्र पर यूक्रेन का नियंत्रण है। ये दोनों शहर संयंत्र से करीब 10 किलोमीटर (छह मील) की दूरी पर हैं। यूक्रेन साफ तौर पर झूठ बोल रहा है। दुनिया के सामने अब उसकी पोल धीरे-धीरे खुल रही है। रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव का यूक्रेन सेना पर आरोप है कि, उसने पिछले दिन दो बार संयंत्र पर गोलाबारी की थी और कुछ गोले रिएक्टर ईंधन और रेडियोधर्मी कचरे को जमा करने वाली इमारतों के पास गिरे थे।
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