रूस और भारत (Russia-India) के बीच दोस्ती काफी पुरानी और बेहद गहरी है। दोनों देश एक दूसरे के लगभग हर बुरे दौर से लेकर अच्छे दौर तक में साथ निभाते हैं। रूस ने जब यूक्रेन पर हमला बोला तो संयुक्त राष्ट्र ने रूस के खिलाफ वोट करने के लिए कहा तो भारत (Russia-India) ने अपना स्टैंड साफ रखा। ना तो वो रूस के खिलाफ गया और ना ही यूक्रेन के साथ। भारत समय और हालात को देखते हुए आगे बढ़ता रहा और मौका मिलते ही रूस से दोस्ती निभाते हुए सस्ता तेल खरीदना शुरू कर दिया। लेकिन अब इस दोस्ती में दरार आती प्रतीत हो रही है। पश्चिमी देश रूस को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ‘ब्लैक लिस्ट’ में शामिल कर आर्थिक रूप से पूरी तरह अलग-थलग करने का प्रयास कर रहे हैं। रूस ने इसे लेकर भारत समेत अपने मित्र देशों से ‘धमकीभरे लहजे में’ मदद मांगी है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट केमुताबिक रूस ने भारत समेत अन्य देशों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने (FATF) की ब्लैक लिस्ट से बचने में उसकी मदद नहीं की तो वह डिफेंस और एनर्जी डील रद्द कर देगा। एफएटीएफ एक इंटर-गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन है जो ‘अनुचित धन’ से मुकाबला करने के लिए मानक तय करता है। पश्चिमी देश एफएटीएफ पर रूस को ब्लैक या ग्रे लिस्ट में शामिल करने का दबाव बना रहे हैं।
रूस की धमकी खतरे की घंटी
मालूम हो एफएटीएफ ने इसी साल फरवरी में रूस को निकाय की सदस्यता से सस्पेंड कर दिया था। दूसरी तरफ यूक्रेन रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने पर जोर दे रहा है। फिलहाल इस रिपोर्ट को लेकर भारत और रूस दोनों की ही तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है मगर रूस की धमकी भारत के लिए खतरे साबित हो सकती है। अगर दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई तो इसका असर कई परियोजनाओं पर पड़ सकता है।
भारत कैसा नुकसान?
रूस एफएटीएफ में शामिल हुआ तो तेल कंपनी रोसनेफ्ट और नायरा एनर्जी लिमिटेड के बीच सहयोग पर असर पड़ेगा। भारत को रूसी हथियारों और सैन्य उपकरणों के निर्यात के साथ-साथ डिफेंस सेक्टर में तकनीकी सहयोग भी प्रभावित हो सकता है। रूस की धमकी फरवरी में एयरो इंडिया 2023 प्रदर्शनी में प्रस्तुत नए जॉइंट एविएशन प्रोजेक्ट के लिए रूसी प्रस्ताव, भारत में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र में प्रौद्योगिकी और ऊर्जा सहयोग और नॉर्थ-साउथ ट्रेडिंग कॉरिडोर के विकास से जुड़ी कार्गो परिवहन सेवाओं पर रूसी रेलवे के RZD Logistics और कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के बीच हुए समझौते के लिए खतरा पैदा करती हैं।
भारत की बड़ी मुश्किल
अमेरिका ने यूक्रेन में युद्ध के चलते रूस को दुनिया का सबसे प्रतिबंधित देश बना दिया है। प्रतिबंधों के माध्यम से पश्चिमी देश रूस पर पीछे हटने का दबाव बना रहे हैं। मगर मॉस्को ने अपनी अर्थव्यवस्था को लगे झटके को भारत और चीन जैसे देशों के साथ संबंध मजबूत करके काफी हद कम कर दिया है। अगर रूस एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में शामिल होता है तो भारत के लिए इसे नजरअंदाज करना और हमेशा की तरह उससे व्यापार जारी रखना थोड़ा मुश्किल होगा।
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