LOC पर कब्जा करने की फिराक में चीन, भारत के खिलाफ रच रहा साजिशें, रूस ने चेताया

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रूस और यूक्रेन की जंग का फायदा चीन जमकर उठा रहा है। चीन अब भारत के खिलाफ साजिशों के जाल बुन रहा है। चीन के हौसले लगातार पस्त होते जा रहे है। एक्सपर्ट्स की मानें तो चीन भारत की सीमा पर हमला बोल सकता है। अगर वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास कब्जा करने की नीयत से चीनी सेना पूर्वी लद्दाख जैसी कोई हरकत करती है तो दुनिया का कोई देश खुलकर मदद को सामने नहीं आएगा। हाल ही में यूरोप के हालात देख चीन ने एशिया को धमकी दी थी। </p>
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चीन के उप विदेश मंत्री ली यूचेंग ने कहा था कि यूक्रेन संकट हमें आइना दिखाता है कि हम एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हालात का आकलन करें। धारा के विपरीत जाकर अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति का पालन करना समस्या को और भड़काएगा। अगर बिना रोकटोक के इसे होने दिया गया तो बहुत गंभीर परिणाम होंगे। यूक्रेन का उदाहरण देकर चीन का इशारा साफ तौर पर भारत की ओर है। चीन के उपविदेश मंत्री ली यूचेंग ने धमकी देते हुए कहा है कि अमेरिका की हिंद प्रशांत नीति और क्वॉड जैसे समूहों का बनना उसी तरह से खतरनाक है जैसे यूरोप में नाटो का विस्तार रहा है। उन्होंने यह भी कह दिया कि अमेरिका की नीति एशिया को नरक में ढकेल सकती है।</p>
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चीन ने क्वॉड की आलोचना ऐसे समय में की है जब इस समूह की कुछ दिन पहले हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। क्वॉड समूह में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। यह समूह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कड़ी चुनौती दे रहा है। इसका मकसद समुद्री रास्तों पर व्यापार में आसानी के साथ शक्ति संतुलन साधने पर भी है। अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन को काउंटर करने के लिए भारत की बड़ी भूमिका चाहता है। यही वजह है कि जैसे ही मौका मिला, चीन ने भारत को संदेश देने की कोशिश की है।</p>
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अगर इस हालात में चीन की फौज कोई हरकत करती है तो भारत कूटनीतिक और सैन्य दोनों तरीके से एकदम अकेला रहेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस समय रूस के साथ किसी तरह के फौजी टकराव में उलझना नहीं चाहता। अमेरिका ही नहीं, नाटो के बाकी सदस्य देश भी रूस से सीधे तौर पर उलझने से कतरा रहे हैं। यही वजह है कि चीन को हालात का अंदाजा हो गया है। रूस के हमले से पहले का दौर याद कीजिए। अमेरिका समेत नाटो संगठन रूस को आगाह करते हुए बयान जारी करते थे। ऐसा लगता था कि यूक्रेन में रूस घुसा तो अमेरिका करारा जवाब देगा। यूक्रेन भले ही नाटो का सदस्य नहीं पर उसे इस गुट में लाने की कोशिशें तो चल ही रही थीं, फिर भी अमेरिका ने आर्थिक मदद और कुछ मिसाइल हथियार देकर यूक्रेन को उसके हाल पर छोड़ दिया। उसके बाद नाटो कहने लगा कि रूस ने अगर हमारे किसी सदस्य देश पर आक्रामक रुख अपनाया तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।</p>

आईएन ब्यूरो

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