भारत के साथ Russia की दोस्ती पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका समेट दुनिया के सभी ताकतवर देशों को खुली चेतावनी दे दी है। रूसी राष्ट्रपति ने जोरदार तरीके से कहा है कि भारत को दूर करने की सभी कोशिशें नाकाम होंगी। पुतिन ने इसके साथ ही भारत की भी जमकर तारीफ की है।
Russia के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि भारत सरकार अपने नागरिकों के हित में पूरी तरह से आजाद है और उसी तरह से काम कर रही है। इसके साथ ही पुतिन ने पश्चिमी देशों को आगाह किया है कि रूस और भारत के बीच दरार पैदा करने के पश्चिम के सभी प्रयास पूरी तरह से फेल हैं। पुतिन ने सोची में रूस के काला सागर रिसॉर्ट पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही है। भारत और रूस यूं तो पिछले सात दशकों से साथ हैं लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद से दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत हो गए है।
ख़तरे में है भारत-पुतिन
पुतिन ने सोची में कार्यक्रम में दिए मुख्य भाषण में कहा, ‘पश्चिम हर उस व्यक्ति को दुश्मन बनाने की कोशिश कर रहा है जो उनके एकाधिकार से सहमत नहीं है, हर कोई खतरे में है – यहां तक कि भारत भी, लेकिन भारतीय नेतृत्व अपने राष्ट्र के हित में स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘भारत को रूस(Russia) से दूर करने की कोशिशें व्यर्थ हैं, भारत एक स्वतंत्र राज्य है।’ पुतिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब रूस, यूक्रेन युद्ध की वजह से पश्चिमी देशों की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। प्रतिबंधों के बाद भारत को रूस से रियायती दरों तेल मिल रहा है। हालांकि इस वजह से भारतीय खरीदने के लिए भारतीय रिफाइनरीज की आलोचना हो रही है। पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ
पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में भारत और मजबूत हो रहा है। पुतिन ने कहा, कि भारत की आबादी 1.5 अरब से ज्यादा है। साथ ही देश की आर्थिक विकास दर सात फीसदी से अधिक है। ऐसे में ह एक शक्तिशाली देश है, ताकतवर देश है जो पीएम मोदी के नेतृत्व में और मजबूत हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस की तरह भारत की कोई सीमा नहीं है क्योंकि भारतीय दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में अपनी पहचान बना रहे हैं।
बताया आख़िर क्यों G-20 में शामिल नहीं हुए पुतिन
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर जब से हमला हुआ है तब से ही पुतिन शायद ही कभी रूस से बाहर गए हैं। वह हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ब्रिक्स और भारत में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए थे। पुतिन ने इसके पीछे की वजहों को भी बताया। उन्होंने कहा कि वह इन कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए क्योंकि वह ‘राजनीतिक प्रदर्शन’ की वजह नहीं बनना चाहते थे। पुतिन अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की तरफ से जारी गिरफ्तारी वारंट का निशाना हैं। इसके तहत वह अगर उन देशों में जाते हैं जो इनके सदस्य हैं तो उनकी गिरफ्तारी संभव है।
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