रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine) की जंग को एक साल से ज्यादा का समय हो गया है। इतने दिनों में रूस किसी भी सूरत में यूक्रेन के शहरों को बख्शने को तैयार नहीं है। रूस-यूक्रेन की जंग में यूक्रेन को अपने कई शहरों को खोना पड़ा है। वहीं रूसी सेना के टी-90 टैंकों (Russian T-90M) ने पूर्वी यूक्रेन को रौंदकर रख दिया है। इस टैंक के घातक हमलों ने कई मोर्चों पर रूसी सेना को बढ़त दिलाई है। टी-90 इतना ताकतवर है कि अब यूक्रेनी टैंक कमांडर भी इसके दीवाने हो गए हैं। इस दौरान अब रूस ने दावा किया है कि उसका टी-90 भीष्म टैंक दुनिया के किसी भी टैंक से निपट सकता है।
पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव का कहना है रूस का टी-90एम टैंक दुनिया में सबसे अच्छे हैं। उन्होंने दावा किया कि तकनीकी मामलों में टी-90एम टैंक लेपर्ड, चैलेंजर और अब्राम टैंकों को मात देते हैं। टी-90एम रूस का मुख्य युद्धक टैंक है। रूसी सेना यूक्रेन में मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान बड़े पैमाने पर इस टैंक का इस्तेमाल कर रही है। ऐसे में नाटो देशों ने यूक्रेन की सहायता के लिए अपने-अपने प्रमुख युद्धक टैंकों को देने का ऐलान किया है। दिमित्री मेदवेदेव ने एक इंटरव्यू में कहा, मेरी राय में (T-90M टैंक) अब दुनिया का सबसे बेहतरीन टैंक है। यह निश्चित रूप से लेपर्ड, चैलेंजर, अब्राम्स टैंक (M1 Abrams) से बेहतर है। जिसमें इसकी सामरिक और तकनीकी डेटा भी शामिल है, यहां तक कि इसके कुछ कंपोनेंट और वजन भी दुनिया के बाकी टैंकों से अच्छे हैं।
टी-90 टैंक में अत्याधुनिक हथियार
टी-90 टैंक का वजन 46 से 48 टन के बीच होता है। यह टैंक 9.6 मीटर लंबी और 3.7 मीटर चौड़ी है। इसकी ऊंचाई 2.2 मीटर की होती है। टी-90 टैंक 2A46 125 mm/L48 स्मूथबोर गन से लैस है। इससे 4000 मीटर दूर तक सटीक हमला किया जा सकता है। इसमें दूसरे हथियार के तौर पर 12.7 मिमी या 7.62 मिमी मशीन गन लगी होती है। इसी टैंक के अपग्रेडेड वर्जन को T-90M Proryv के नाम से जाना जाता है। टी-90 टैंक के पहले वेरिएंट को एक अत्याधुनिक डायनॉमिक प्रोटक्शन से लैस किया गया था। इस टैंक में पहले से मजबूत इंजन, रेंजफाइंडर सिस्टम, वेल्डेड बुर्ज, मिश्र धातु का सुरक्षा कवच, अपग्रेडेड फायर कंट्रोल सिस्टम, कम्यूनिकेशन और नेविगेशन से भी लैस किया गया।
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जर्मनी के लेपर्ड और अमेरिका के अब्राम से शक्तिशाली
टी-90 टैंक जर्मनी की लैपर्ड टैंक से 500 मीटर ज्यादा दूर तक हमला कर सकती है। रूस की यह मुख्य युद्धक टैंक बिना बाहरी फ्यूल टैंक के अमेरिकी अब्राम की 425 किलोमीटर की तुलना में 550 किलोमीटर तक जा सकता है। टी-90 को रूस के बाकी मुख्य युद्धक टैंकों से आकार में छोटा होने के कारण जंगल और पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है। रूस के पास टी-90 के करीब 1000 यूनिट मौजूद हैं।
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