Saudi Arabia-Israel Relations: नेतन्याहू और क्राउन प्रिंस की सीक्रेट मीटिंग, निशाने पर कौन?

सऊदी अरब और इजरायल  (Saudi Arabia-Israel Relations)  की नजदीकियों की खबर से टर्की और पाकिस्तान का बैंड बजने वाला है। यूएई के बाद अब जल्द ही सऊदी अरब और इजरायल  (Saudi Arabia-Israel Relations) कूटनीतिक रिश्तों की शुरूआत कर सकते हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को सऊदी अरब के नियोम शहर में<a href="https://hindi.indianarrative.com/india/former-assam-chief-minister-tarun-gogoi-passed-away-18935.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><strong><span style="color: #008000;"> सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान</span> </strong></a>से गुप्त मुलाकात भी की है। इस मुलाकात के समय अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भी मौजूद थे। ऐसा माना जा रहा है कि इस टॉप सीक्रेट मीटिंग का मतलब सऊदी और इजरायल के संबंधों (Saudi Arabia-Israel Relations) में जहां नया आयाम स्थापित होने जा रहा है वहीं टर्की और पाकिस्तान की शामत भी आने वाली है।

दरअसल, टर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान मिलकर इस्लामी मुल्कों का नया संगठन बनाना चाहते हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री <a href="https://indianarrative.com/world/turkey-makes-provocative-moves-against-greece-in-eastern-mediterranean-19823.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><strong><span style="color: #008000;">इमरान खान को एर्दोगान</span> </strong></a>ने अपने खेमे में इसलिए शामिल कर लिया है ताकि एटमी हथियार हासिल किया जा सके। टर्की ने सऊदी अरब के बहिष्कार का ऐलान भी किया था। इसी के विरोध स्वरूप न केवल सऊदी अरब बल्कि नॉर्थ अफ्रीकी देशों के व्यापारियों ने टर्की और पाकिस्तान का अघोषित बहिष्कार कर दिया है। जिससे टर्की के सामने बड़े आर्थिक संकट के आसार बन गए हैं। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है। नॉर्थ अफ्रीकी देशों ने अगर पाकिस्तान के बहिष्कार का औपचारिक ऐलान कर दिया तो इमरान खान को लेने के देने पड़ सकते हैं।

फिल्हाल यहां चर्चा, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान की गुप्त मुलाकात की हो रही है। तो यहां यह बताना जरूरी है कि सऊदी शासन शाही सुरक्षा का जिम्मा पाकिस्तान से छीनकर इजरायल को देने पर विचार कर रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि इजरायल ने सारे मतभेदों को खत्म कर सऊदी शासन की सिक्योरिटी अपने हाथों में लेने ब्लू प्रिंट भी अमेरिका और सऊदी किंगडम को सौंप दिया है। इसके अलावा टर्की को अलग-थलग करने के लिए इजिप्ट और इजराइली गुड्स को सऊदी अरब की मार्केट में पहुंचाने के रास्तों पर विचार हुआ है।

ऐसा भी कहा जा रहा है कि इजरायल और सऊदी अरब के साथ नए संबंधों की इबारत लिखे जाने के लिए निर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन ने भी हरी झण्डी दे दी है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी इजरायल और सऊदी संबंधों की नई इबारत में पर्दे के पीछे रहकर महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।.

सतीश के. सिंह

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