वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के 20वें शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने अपने 75 वर्ष पूरे किए हैं। लेकिन अनेक सफलताओं के बाद भी संयुक्त राष्ट्र का मूल लक्ष्य अभी अधूरा है। महामारी की आर्थिक और सामाजिक पीड़ा से जूझ रहे विश्व की अपेक्षा है कि यूएन की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आए।
मोदी ने कहा कि "भारत, 2021 से यूएन सुरक्षा परिषद में एक गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भाग लेगा। हमारा ध्यान वैश्विक शासन-विधि में संभावित बदलाव लाने पर केंद्रित होगा। एक सुधरा हुआ बहुपक्षवाद, जो आज की वैश्विक वास्तविकताओं को दर्शाए, जो सभी सदस्यों की अपेक्षाओं, समकालीन चुनौतियों, और मानव कल्याण जैसे विषयों पर चर्चा करे। इस प्रयास में हमें एससीओ सदस्य राष्ट्रों का पूर्ण समर्थन मिलने की अपेक्षा है।"
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) परिषद के सदस्य देशों के प्रमुखों का 20वां शिखर सम्मेलन 10 नवंबर, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित किया गया। बैठक की अध्यक्षता रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। एससीओ के अन्य सदस्य देशों के राष्ट्रपति, जबकि भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा एससीओ सचिवालय के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंक-रोधी तंत्र के कार्यकारी निदेशक के साथ-साथ 4 पर्यवेक्षक देशों अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया के राष्ट्रपति भी इस बैठक में शामिल हुए।
वर्चुअल माध्यम से यह पहला एससीओ सम्मेलन है और 2017 में भारत के इस गुट के पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद तीसरा सम्मेलन है। एससीओ नेताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के चलते उपजी चुनौतियों और विपरीत स्थितियों के बीच इस बैठक को आयोजित करने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बधाई दी।
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<p dir="ltr" lang="en">Speaking at the SCO Summit. <a href="https://t.co/WS136xN3Vz">https://t.co/WS136xN3Vz</a></p>
— Narendra Modi (@narendramodi) <a href="https://twitter.com/narendramodi/status/1326092964217544705?ref_src=twsrc%5Etfw">November 10, 2020</a></blockquote>
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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कोविड-19 महामारी के बाद के विश्व में सामाजिक और आर्थिक विषमताओं का मुकाबला करने के लिए तत्काल प्रभाव से बहुपक्षीय सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और संपन्नता के प्रति भारत की दृढ़ता को फिर दोहराया और आतंकवाद, हथियारों तथा नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी तथा मनी लॉन्ड्रिंग की चुनौतियों उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत के बहादुर सैनिक संयुक्त राष्ट्र संघ के लगभग 50 शांति मिशनों में शामिल हो चुके हैं और भारत का दवा उद्योग कोविड-19 के दौरान 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने एससीओ सदस्य देशों वाले क्षेत्र में भारत के मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख किया। उन्होंने क्षेत्र में बेहतर संपर्क के प्रति भारत की मजबूत प्रतिबद्धता दोहराई और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कोरिडोर, चाबहार बंदरगाह और अश्गाबात समझौते जैसे कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने सदस्य देशों को आश्वस्त किया कि 2021 में आयोजित होने जा रही एससीओ की 20वीं सालगिरह को भारत का पूरा सहयोग रहेगा, जिसकी थीम होगी ‘एससीओ ईयर ऑफ कल्चर’।
साथ ही मोदी ने एससीओ को लेकर भारत में की गई पहलों का भी उल्लेख किया। जिसमें भारत के राष्ट्रीय संग्रहालय द्वारा साझा बौद्ध विरासत पर पहली प्रदर्शनी का आयोजन, अगले वर्ष भारत में एससीओ फूड फेस्टिवल का आयोजन और साहित्यिक प्रयास के क्रम में 10 क्षेत्रीय भाषाओं का रूसी और चीनी भाषा में अनुवाद शामिल है। प्रधानमंत्री ने ताजिकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान के अगले वर्ष एससीओ के अध्यक्ष बनने के लिए बधाई दी और भारत की तरफ से पूरे सहयोग का आश्वासन दिया।.
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