अंतर्राष्ट्रीय

जो China नहीं कर सका वो करेगा भारत! इस तरह इसरो दिखाएगा अपनी ताकत

Aditya L1 Mission: भारत का आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान 2 सितंबर को सुबह 11.50 बजे लॉन्च हो गया है। आदित्य एल-1 भारत की पहली अंतरिक्ष ऑब्जर्वेटरी बना है जिसके जरिए सूर्य का अध्ययन किया जा रहा है। आदित्य एल-1 सूर्य फोटोस्फेयर, क्रोमोस्फेयर और सबसे बाहरी लेयर कोरोना की अलग-अलग कलर बैंड में स्टडी करेगा। इसरो का कहना है कि आदित्य ए-1 पेलोड के सूट कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर गतिविधियों और उनकी विशेषताओं, अंतरिक्ष मौसम की गतिशीलता, कण और मैग्नेटिक फील्ड से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा करेगा।

धरती पर वायुमंडल है जो सूर्य से आने वाली ज्यादातक खतरनाक रेडिएशन को अवशोषित कर लेता है। इसलिए धरती से सूर्य का अध्ययन सही से नहीं किया जा सकता। सूर्य की स्टडी के लिए स्पेस में जाना जरूरी है और इसी कारण कई देश पहले भी अपने सोलर स्पेसक्राफ्ट लॉन्च कर चुके हैं। अमेरिका, जापान, चीन और यूरोपीय यूनियन की स्पेस एजेंसियां सूर्य की स्टडी कर रही हैं। नासा ने 2018 में पार्कर सोलर प्रोब लॉन्च किया था। वहीं, चीन वह देश है, जिसने हाल ही में सूर्य के अध्ययन से जुड़ा एक सैटेलाइट लॉन्च किया।

चीन से है अलग

चीन ने 8 अक्टूबर 2022 को नेशनल स्पेस साइंस सेंटर से एडवांस स्पेस बेस्ड सोलर ऑब्जर्वेटरी (ASO-S) या कुआफू-1 लॉन्च किया था। आदित्य L-1 से अगर इसकी तुलना करें तो सबसे बड़ा अंतर इसकी पृथ्वी से ऊंचाई है। ASO-S जहां धरती से 720 किमी की ऊंचाई पर है तो वहीं आदित्य L-1 की दूरी धरती से लगभग 15 लाख किमी होगी। चीन का ASO-S 859 किग्रा है। वहीं भारत का आदित्य L1 का वजन 400 किग्रा है। आदित्य एल-1 और ASO-S की धरती से दूरी सबसे खास है।

ये भी पढ़े: भारत ने रचा इतिहास! देखें वह पल जब हिंदुस्तान ने हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि

क्या है खासियत

चीन का ASO-S दुनिया का पहला स्पेसक्राफ्ट रहा है जो सोलर फ्लेयर और कोरोनल मास इजेक्शन की एक साथ स्टडी करने में सक्षम है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह सैटेलाइट सूर्य की मैग्नोटिक फील्ड, सोलर फ्लेयर और कोरोनल मास इजेक्शन से जुड़ा 500 जीबी का डेटा रोज धरती पर भेजता है। वहीं सूर्य में बड़ी हलचल होने पर यह हर सेकंड तस्वीर भेजता है। वहीं, आदित्य एल-1 सोलर कोरोना की स्टडी करेगा। इसके अलावा आदित्य L-1 एक्स-रे के जरिए स्टडी करेगा।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago