Switzerland Fine on Hijab: ईरान में पिछले कई दिनों से हिजाब (Iran Hijab Controversy) को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसमें हजारों महिलाएं शामिल हैं। 22 साल की युवती महसा अमीनी की पुलिस द्वारा अरेस्ट कर लिया गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद पूरे ईरान (Iran Hijab Controversy) में विरोध प्रदर्शन और ज्यादा बढ़ गया। महिला अपने हिजाब और बुर्के को उतार फेंककर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस हिजाब प्रदर्शन में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है। दुनियाभर से ईरानी महिलाओं का साथ मिल रहा है। इस बीच स्विट्जरलैंड (Switzerland Fine on Hijab) ने में अगर बुर्का पहने हुए पकड़ा गया तो भारी भरकम जुर्माना देना होगा। स्विट्जरलैंड ने ‘बुर्का बैन’ (Switzerland Fine on Hijab) कानून के तहत अपना चेहरा ढंकने पर 900 पाउंड (82 हजार रुपए) के जुर्माने का प्रस्ताव रखा है।
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सिर्फ इन्हें मिलेगी छूट
स्विस सरकार ने मसौदा कानून को संसद में भेज दिया है। इसमें कई छूट भी शामिल हैं जिनके तहत राजनयिक परिसरों, पूजा स्थलों और विमानों में चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध लागू नहीं होगा। इसके अलावा स्वास्थ्य, सुरक्षा, जलवायु परिस्थितियों और स्थानीय रीति-रिवाजों से जुड़े कारणों से चेहरा ढंकना वैध होगा। कला के प्रदर्शन और विज्ञापन को भी इसमें छूट दी गई है। मसौदा कानून के तहत, अधिकारियों की ओर से मंजूरी दिए जाने और सार्वजनिक व्यवस्था का आश्वासन दिए जाने पर, अभिव्यक्ति की आजादी के मौलिक अधिकार का इस्तेमाल करते हुए मास्क पहनने की अनुमति दी जाएगी। स्विट्जरलैंड में पिछले साल सार्वजनिक रूप से चेहरे को ढंकने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित हुआ था। यह प्रस्ताव उसी समूह ने पेश किया था जिसने 2009 में इस्लामी मीनारों पर प्रतिबंध का प्रस्ताव रखा था।
सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था के देखते हुए उठाया गया ये कदम
वहीं, कैबिनेट प्रस्ताव में चेहरा ढंकने पर जुर्माने का सीधे तौर पर बुर्के का जिक्र नहीं है। इसका उद्देश्य हिंस उद्देश्य हिंसक प्रदर्शनकारियों को मास्क पहनने से रोकना है। हालांकि, स्थानीय नेता, मीडिया और कैंपेनर्स ने इसे ‘बुर्का बैन’ बता रहे हैं। एक बयान में कैबिनेट ने कहा कि चेहरे को ढंकने पर बैन का उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करना है। सजा इसकी प्राथमिकता नहीं है। डेलीमेल की खबर के अनुसार प्रतिबंध के समर्थकों का कहना है कि ‘चेहरे को ढंकना कट्टरपंथ, राजनीतिक इस्लाम का प्रतीक है।’
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यूरोप के कई देशों में बैन है बुर्का
बुर्का का मामला इस्लामिक देशों में समय-समय पर जमकर उठता रहता है। महिलाएं अपनी आजादी को लेकर समाज को ये बताना चाहती हैं कि वो अपने पहनावे को लेकर आजाद हैं। कोई उन्हें जबरदस्ती नहीं थोप सकता, लेकिन वहां की सरकारें इसके खिलाफ हैं। खैर बुरका कई यूरोप देशों में बैन है। सबसे पहले सार्वजनिक रूप से पूरे चेहरे को ढंकने पर प्रतिबंध 11 अप्रैल 2011 में फ्रांस ने लगाया था। डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड और बुल्गारिया में भी सार्वजनिक रूप से चेहरा ढंकने पर पूर्ण या आंशिक प्रतिबंध है। स्विट्जरलैंड की आबादी का करीब 5 फीसदी मुसलमान हैं जो ज्यादातर तुर्की, बोस्निया और कोसोवो से हैं जुड़ी हैं।।
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