Pakistani आर्मी चीफ की धमकी से शायद तालिबानी डरने वाला नहीं है,तभी तो टीटीपी पर किसी भी तरह की कोई सैन्य कार्रवाई से इनकार कर दिया है अफगानिस्तान की तालिबान सरकार। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान की सरकार को बड़ा झटका दिया है। तालिबान ने साफ शब्दों में कह दिया है कि वह टीटीपी पर कोई सैन्य कार्रवाई नहीं करेगी। इस बयान के बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल मुनीर के उस बयान को जोरदार झटका लगा है जिसमें उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा था कि तालिबानी सरकार अगर टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो वह किसी भी हद तक जा सकते हैं।
पाकिस्तानी सेना टीटीपी के खिलाफ करेगी कार्रवाई?
तालिबानी सरकार पाकिस्तान के लिए सिरदर्ज बन गई है, वो अपने आका की बात भी नहीं मान रही है। पाकिस्तान के विशेष दूत अफगानिस्तान पहुंचे थे, ताकि टीटीपी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मनाया जाए,लेकिन तालिबान ने साफ कह दिया है कि वह टीटीपी के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लेगा और लगे हाथ पाकिस्तान को शांति की नसीहत भी दे दी है
पाकिस्तान की सेना जब अमेरिका के खिलाफ तालिबान की मदद कर रही थी, तब उसने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि कभी ये आतंकी उसके लिए भस्मासुर बन जाएंगे। अब तालिबान की सरकार पाकिस्तान के लिए नासूर बन गई है और अब अपने आका की बात को भी नहीं मान रही है।
टीटीपी के बढ़ते हमले को देखते हुए पाकिस्तान के विशेष दूत अफगानिस्तान पहुंचे थे ताकि तालिबान को टीटीपी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मना लिया जाए। लेकिन पाकिस्तान की यह कोशिश फेल हो गई है। तालिबान ने साफ कह दिया है कि वह टीटीपी के खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लेगा और यह भी नसीहत दे दी कि पाकिस्तान खूनी हमले कर रहे टीटीपी के आतंकियों से बातचीत करे।
दरअसल, टीटीपी को लेकर अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार पर पाकिस्तान की सरकार ने अपने विशेष दूत के जरिए यह दबाव डालने की कोशिश की थी कि तालिबान अब टीटीपी आतंकियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करे। तीन दिन तक समझाने के बाद भी तालिबान पर कोई असर नहीं हुआ और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा है।
तालिबान ने साफ कह दिया कि वह कोई कार्रवाई नहीं करेगा, पाकिस्तान को टीटीपी से बातचीत करनी चाहिए। पाकिस्तानी दूत असद दुर्रानी ने अफगानिस्तान के डेप्युटी पीएम और विदेश मंत्री दोनों को मनाने की बहुत कोशिश की लेकिन वे नहीं पिघले।
‘तालिबान टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहता’
पाकिस्तान ने कहा कि उसका धैर्य जवाब दे रहा है। यह मामला आतंकवाद का है और पाकिस्तान के लिए गंभीर चिंता का विषय है। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक पाकिस्तान सरकार के टीटीपी के खिलाफ दबाव के बाद भी तालिबान सरकार इस रास्ते पर बढ़ने के लिए तैयार नहीं है।
तालिबान के डेप्युटी पीएम ने सुझाव दिया कि ताकत की बजाय शांति के रास्ते को अपनाया जाए। पाकिस्तानी सूत्रों के मुताबिक यह इस बात का संकेत है कि तालिबान टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहता है।
तालिबान सरकार ने एक बार फिर से पाकिस्तान की सरकार से कहा कि वह टीटीपी के साथ शांति बातचीत करे। टीटीपी के ताजा हमले में 12 सैनिकों की मौत के बाद पाकिस्तान सरकार बौखलाई हुई है।
हालांकि पाकिस्तानी सेना के खिलाफ टीटीपी के लगातार हो रहे हमलों के बाद पाकिस्तान बौखला गई है,औऱ वो इस आतंकी गुट के साथ बातचीत के सभी दरवाजे बंद कर दिए हैं। पाकिस्तान ने कहा है कि टीटीपी के साथ अब तभी कोई बातचीत होगी जब आत्मसमर्पण करेगा।
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