Taliban ने कहा दुनिया वही देखेगी जो हम चाहेंगे, Afghanistan में महिलाओं की जिंदगी बना रहा नर्क

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अफगानिस्तान में कब्जा के बाद से ही तालिबान ने महिलाओं की जिंदगी नर्क बना दी है। अपने क्रूर कानूनों की वजह से तालिबान लगातार दुनिया की नजरों बना हुआ है। महिलाओं को पश्चिमी कपड़े तो दूर घर से बाहर बिना किसी मर्क के नहीं निकल सकती हैं। इस साथ ही नहाते वक्त भी शरीर को ढक कर नहाने को हुक्म दे चुका है। यहां तक की महिलाओं के लिए नौकरी से लेकर शिक्षा तक के क्षेत्र में तालिबान ने कई सारी पाबंदियां लगा रखी हैं। अब एक बार फिर तालिबान लगातार अजीबोगरीब फरमाने सुना रहा है।</p>
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बच्चियों के स्कूल जाने पर प्रतिबंद लगा दिया है, अब बच्चियां छठी कक्षा के आगे नहीं पढ़ सकती है। इसके साथ ही महिलाओं को विमान तक में चढ़ने पर रोक लगा दिया है, यदि वे एक पुरुष रिश्तेदार के साथ यात्रा करती हैं। पुरुष और महिालएं केवल अलग-अलग दिनों में सार्वजनिक पार्कों में जा सकते हैं और विश्वविद्यालयों में मोबाइल टेलीफोन का इस्तेमाल प्रतिबंधित है।</p>
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इसके अलावा तालिबान ने पश्तो और फारसी बीबीसी जैसे अंतर्राष्ट्रीय मीडिया प्रसारण को भी बंद कर द‍िया गया है। महिलाओं के अधिकारों की बात करें तो तालिबान सरकार ने छठी कक्षा के बाद लड़कियों को स्कूल लौटने की अनुमति देने के अपने वादे को तोड़ दिया। इस कदम ने दुनिया के अधिकांश लोगों को और अफगानिस्तान में कई लोगों को स्तब्ध कर दिया। संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया प्रसारण पर प्रतिबंध को अफगानिस्तान के लोगों के खिलाफ एक और दमनकारी कदम बताया है।</p>
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तालिबान के इस फैसले के बाद संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तानी प्रधिकारियों से बिना विलंब के अपने उस संकल्प का पालन करने का आह्वान किया, जिसमें सभी उम्र की छात्राओं के लिए स्कूलों को दोबारा खोले जाने का आश्वासन दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि, हम लड़कियों समेत सभी अफगान नागरिकों के लिए शिक्षा के अधिकार को दोहराते हैं तथा तालिबान से बिना देरी के सभी उम्र की लड़कियों के लिए दोबारा स्कूल खोले जाने और शिक्षा का अधिकार का सम्मान करने का आह्वान करते हैं।</p>
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वही, बीबीसी वर्ल्ड सर्विसेज के भाषाओं के प्रमुख तारिक काफाला ने रविवार को एक बयान में कहा कि, लाख से अधिक अफगान हर हफ्ते टीवी पर बीबीसी की स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता को देखते हैं और यह महत्वपूर्ण है कि भविष्य में उन्हें इसकी पहुंच से वंचित न किया जाए।</p>

आईएन ब्यूरो

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