इंडिया के PM Modi के पाले में पहुँचा Afghan Taliban, भौचक्के रह गए चीन और पाकिस्तान!

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तालिबान इस वक्त अफगानिस्तान में चीन और पाकिस्तान को दरकिनार कर भारत के साथ विकास की राह देख रहा है। आतंक फैलाने वाले पाकिस्तान और धोखेबाज चीन से किनारा करते हुए भारत के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने पर लगा हुआ है। उसे भी अच्छे से पता है कि पाकिस्तान में उसका कोई भविष्य नहीं है क्योंकि, वो खुद कंगाली के कगार पर खड़ा है। उसके साथ वो गया तो उसे सिर्फ आतंक ही मिलेगा। उधर चीन की नीतियों के बारे में भी वो अच्छे से समझ रहा है। तालिबान को अच्छे से पता है कि चीन के साथ रिश्ता जोड़ने का मतलब श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे हालात। वैसे ही अफगानिस्तान में मानवीय संकट गहराया हुआ है। ऐसे में भारत के साथ वो विकास की राह देख रहा है। क्योंकि, उसे अच्छे से पता है कि आज विश्व में भारत की अपनी अलग पहचान है। अमेरिका से लेकर रूस तक के पीएम मोदी के साथ अच्छे संबद हैं। दुनिया के बड़े से बड़े देश भारत के साथ जुड़े हुए हैं और अपने रिश्ते मजबूत कर रहे हैं। ऐसे में तालिबान को अच्छे से पता है कि भारत के साथ अगर वो जुड़ा तो उसके लिए अनेकों फायदे के द्वार खुल जाएंगे। यही वजह है कि वो भारत को लगातार प्रथमिकता दे रहा है। तालिबान चाहता है कि, अफगानिस्तान में रूके हुए परियोजनाओं को भारत जल्द शुरू कर उन्हें पूरा करे।</p>
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अफगानिस्तान में भारत की ओर से कई विकास परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। तालिबान ने भारत से अपील की है कि वो अफगानिस्तान में अपनी रुकी हुई विकास परियोजनाओं को पूरा करे। एक रिपोर्ट की माने तो, अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल काहर बाल्की ने कहा है कि, हमें आशा है कि हम डिप्लोमैटिक मिशन को बढ़ाते हुए मानवता के नजरिये से विकास के नजरिये की ओर आगे बढ़ेंगे। इस क्षेत्र में हमारी प्राथमिकता यह है कि हम भारत को यह संदेश दें कि पहले कदम के तौर पर वह अफगानिस्तान में अपने कुछ अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करे।</p>
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बाल्की ने कहा है कि काबुल में स्थित शहतूत बांध भी ऐसा ही एक प्रोजेक्ट है, जिसे भारत की ओर से बनाया जा रहा था। अब तालिबान चाहता है कि इस बांध के निर्माण का कार्य जल्द पूरा हो। इसके अलावा भी अफगानिस्तान में कई ऐसी भारतीय परियोजनाएं हैं, जो अब तक पूरी नहीं हो पाई हैं। इसके साथ ही तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि, वह काबुल में भारत की राजनयिक मौजूदगी का स्वागत करता है और साथ ही राजधानी काबुल में भारतीय मिशन की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा भी करता है।</p>
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तालिबान ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि अफगानिस्तान में भारत की राजनयिक मौजूदगी के परिणामस्वरूप भारत की ओर से शुरू की गई अधूरी परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा और नयी परियोजनाओं की शुरुआत की जाएगी। बता दें कि, जून में ही भारत ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपने दूतावास में एक तकनीकी टीम को तौनात करके काबुल में अपनी राजनयिक मौजूदगी को फिर से स्थापित किया था।</p>
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आईएन ब्यूरो

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