Haqqani Chief काबुल में तो Taliban सुप्रीमो हैबतुल्लाह कहां है, Pakistan में कैद या ISI ने लगा दिया ठिकाने?

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काबुल पर चढ़ाई के साथ ही तालिबान के सबसे बड़े सरगना हैबतुल्लाह अखुंदजादा के साथ खेल हो गया है। ये खेल किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तान की आईएसआई ने किया है। ये वही आईएसआई है जिस पर तालिबान सबसे ज्यादा भरोसा करता था। बात भरोसे की नहीं बल्कि तालिबान को बनाने वाला पाकिस्तान मतलब आईएसआई ही है। अफगानिस्तान में फतह नजदीक देख अखुंदजादा ने पाकिस्तान को आंखें दिखानी शुरू कर दीं थीं। मतलब पाकिस्तान के सामने मेरी बिल्ली मुझे ही म्याऊं जैसी हालत थी। इसलिए अखुंदजादा पर शिकंजा कसना जरूरी था।</p>
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ऐसा बताया जाता है कि आईएसआई ने बड़ी चालाकी से अखुंदजादा को कुछ समय पहले इस्लामाबाद बुलाया और पाक आर्मी के सेफ हाउस में नजरबंद कर दिया है। अखुंदजादा की जगह पर आईएसआई ने हक्कानी नेटवर्क के सिराजुद्दीन हक्कानी को आगे बढ़ा दिया है। तालिबान की ओर से तमाम नेताओं के बयान और तस्बीरें सामने आ रही हैं।</p>
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मुल्ला ब्रादर भी पिक्चर में बना हुआ है लेकिन अखु्ंदजादा की कोई खैर-खबर नहीं है। अखुंदजादा को आखिरी बार मई में देखा गया था। दोहा मजाकरात मतलब दोहा डायलॉग्स के दौरान उसका एक बयान आया था। उसके बाद से ही अखुंदजादा गायब है। काबुल में सत्ता के शीर्ष पर कौन होगा इस बारे में अखु्ंदजादा का नाम तो चला मगर वो कहां हैं कहां था, यह किसी को नहीं मालूम। इसके बजाए मुल्ला ब्रादर ने क्या किया। मुल्ला ब्रादर कहां पहुंचा। मुल्ला ब्रादर कमाण्डो सुरक्षा में कंधार पहुंचा। मुल्ला ब्रादर ने मुल्ला याकूब से मुलाकात की। तमाम खबरें सामने आती रहीं मगर हैबतुल्लाह अखुंदजादा कहां है इस पर कोई बयान तफ्सरा नहीं आया।</p>
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अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की शक्ल तय करने के लिए क्वेटा से हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी ने अपने छोटे भाई अनस हक्कानी को काबुल भेजा। बस यहीं से अखुंदजादा को लेकर खुर्दबीन शुरू हो गई और कयास लगाए जाने लगे। भारतीय सूत्रों की जानकारी है अखुंदजादा पाकिस्तान में आर्मी की नजरबंदी में है। पाकिस्तान को अखुंदजादा से ज्यादा भरोसेमंद हक्कानी नेटवर्क है।</p>
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पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबान की कठपुतली सरकार बनाने की कोशिश कर रहा है। इन कोशिशों का रंग भी दिखने लगा है। तालिबान ने औपचारिक तौर पर सत्ता संभालने से पहले ही भारत से ट्रेड बंद कर दिया है। अफगानिस्तान की संभावित सरकार में हक्कानी नेटवर्क की हैसियत बढ़ाने का खामियाजा भारत को कम पाकिस्तान को ज्यादा उठाना पड़ेगा, इसके भी असरात दिखाई देने लगे हैं।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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