पाकिस्तान के सियासी संकट से भारत का क्या ताल्लुक हो सकता है? इस बारे में सोचना भी फिजूल है। मगर इमरान खान के गृहमंत्री (अब साबिक) शेख रशीद ने कहा है कि नेशनल असेंबली में नो कॉन्फिडेंस मोशन खारिज किए जाने का गम भारत में मनाया जा रहा है। जबकि पाकिस्तान के अधिकांश मीडिया ने नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर के फैसले असंवैधानिक बताया है। शेख रशीद कह रहे हैं कि पाकिस्तान के विपक्ष की मौत हो गई है तो वहीं मरियम नवाज ने कहा है कि पाकिस्तान ने सियासी खुदकशी कर ली है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी-पीटीआई ने शनिवार सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर सदन की विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि संसद सदस्य पाकिस्तान की राजसत्ता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले देशों के उकसावे पर काम कर रहे हैं। याचिका के अनुसार उन्होंने विधिवत रूप से चुनी गई संघीय सरकार को हटाने के लिए पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के रूप में षड्यंत्र किया है।
वहीं इमरान खान ने इससे पहले अपने संबोधनों में दावा किया था कि उन्हें 3विकल्प दिए गए थे। इस दौरान उन्हें कहा गया था कि या तो वे पीएम पद से इस्तीफा दे दें, या फिर सदन को भंग कर चुनाव में उतरें या फिर अविश्वास प्रस्ताव का सामना करें। हालांकि पाकिस्तान की सेना का दावा है कि वो राजनीतिक गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता है।
इमरान सरकार में मंत्री शेख रशीद ने अपने बयान में कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के खारिज होने से विपक्ष की हालत बेहद नाजुक है और उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार नहीं गिरी, इससे भारत में निराशा का माहौल है।
पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद ने कहा कि हमारी सरकार पहले से भी ज्यादा मजबूत होगी। वे बोले कि हम आगामी चुनावों में 2018से भी ज्यादा वोटों से जीतेंगे। उनका दावा है कि इमरान दो तिहाई बहुमत से फिर सरकार बनाएंगे। बता दें कि पाकिस्तान में 90दिनों में चुनाव होने हैं।
नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होते ही इमरान सरकार के मंत्री चौधरी फवाद ने अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार का पक्ष रखा। लेकिन डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव संविधान के अनुच्छेद 5के खिलाफ है और इसे खारिज किया जाता है। कासिम सूरी ने कहा कि किसी भी बाहरी ताकत को पाकिस्तान में दखल देने का हक नहीं है।