अंतर्राष्ट्रीय

27 लोगों की आबादी वाला दुनियां का सबसे छोटा देश, जहां चलती  है अपनी मुद्रा,अपना झंडा और स्वतंत्र शासन व्यवस्था

क्या आप जानते हैं कि आपके मुहल्ले में कितने घर हैं ? और एक घर में कितने लोग रहते हैं ? भारत जैसे सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के एक मुहल्ले के किसी एक घर में उतने ही लोग रहते हैं,जितने कि इस स्वतंत्र देश में, जहां महज 27 लोग रहते हैं,जसकी मुद्रा अलग है,झंडा अलग है और तो और शासन व्यवस्था भी अलग।

बढ़ती जनसंख्या के चलते आए दिन प्राकृतिक संसाधनों पर बहुत ज़्यादा दबाव पड़ रहा है,तो वहीं प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण को काफी नुक़सान पहुंच रहा है। एक ओर कई ऐसे देश हैं, जहां बढ़ती जनसंख्या के कारण बेरोज़गारी,भुखमरी और जल संकट मुंह बाए खड़ी है,तो वहीं ऐसे भी देश हैं, जहां जनसंख्या बढ़ाने को लेकर तरह- तरह के उपायों को लेकर विचार किए जा रहै हैं। भारत में जनसंख्या विकराल रूप लेता जा रहा है। बढ़ती जनसंख्या के कारण हर तरफ़ शोर-गुल का माहौल बना रहता है,शांति मिलना यहां नसीब नहीं हो पाता। ख़ैर आज बात ऐसे स्वतंत्र देश की करेंगे,जो ना सिर्फ़ दुनियां का सबसे छोटा देश है,बल्कि वहां की आबादी एक संयुक्त परिवार के सदस्यों से भी कम है।

हम सबने सामान्य ज्ञान में दुनिया के सबसे छोटे देश के बारे में ज़रूर पढ़ा होगा,और जिसका जवाब अक्सर वेटिकन सिटी के रूप में दिया जाता है। लेकिन, क्या आपको पता है, ये जवाब सही नहीं है ? इसका सही उत्तर है-‘सीलैंड’। सीलैंड, वैटिकन सिटी से भी छोटा देश है। दरअसल, सीलैंड का पूरा नाम है “प्रिंसिपलिटी ऑफ़ सीलैंड”। इस देश की आबादी और क्षेत्रफल जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे कि आख़िर यह एक स्वतंत्र देश कैसे हो सकता है। यह देश इंग्लैंड से महज़ 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो दुनिया के सबसे छोटे देश में शुमार है और जिसकी आबादी महज़ 27 है

वैलिड कंट्री लिस्ट में दुनिया के दो सौ देशों को शामिल किया गया है। ‘प्रिंसिपलिटी ऑफ़ सीलैंड’ को दुनिया के दो सौ देशों के लिस्ट में शामिल किया गया है। इस छोटे से देश का क्षेत्रफल 550 वर्ग मीटर है, और इसकी बसावट इंग्लैंड के उत्तरी सागर में है। यहां की भाषा अंग्रेज़ी है। जो रोचक बात है, वह ये कि यहां आने के लिए लोगों को पासपोर्ट की ज़रूरत पड़ती है। साथ ही यहां की शासन व्यवस्था अलग है,इस देश की अपनी मुद्रा और झंडा के साथ-साथ अपनी अलग सेना भी है।

 

राजा-रानी करते हैं शासन

“प्रिंसिपलिटी ऑफ़ सीलैंड” में कोई प्रधानमंत्री नहीं होता,यहां की शासन व्यवस्था किसी प्रधानमंत्री के द्वारा नहीं चलाया जाता। यहां की शासन व्यवस्था राजा-रानी के द्वारा चलाई जाती है। हालांकि, इस जगह को इंग्लैंड युद्ध के समय बंदरगाह की तरह इस्तेमाल करता है। जर्मनी के अटैक से बचने के लिए इंग्लैंड इस बंदरगाह का इस्तेमाल करता है। लेकिन, अब इसे देश की मान्यता दे दी गयी है।

आईएन ब्यूरो

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