अमेरिका में निजाम बदला नीतियां नहींः Biden के हरकारों से हलकान चीन और पाकिस्तान

<div id="cke_pastebin">
अमेरिका में ट्रंप ऐरा खत्म होते ही पाकिस्तान और चीन के सामन कई सारी नई उलझनें खड़ी हो गई हैं। भारत के साथ लगभग वही नीतियां हैं जो ट्रंप और ओबामा के समय थीं। वैसे भी भारत की नीति शासक नहीं बल्कि शासन के साथ डिप्लोमेटिक संबंध बनाने की रही है। उसी के अनुरूप नीतियों में थोड़ा बहुत परिवर्तन करके किसी भी देश में सत्ता परिवर्तन के साथ भारत परिवर्तन कर लेता है और उसके साथ रच-बस जाता है। इसका उदाहरण बराक औबामा के बाद ट्रंप के साथ भारत के संबंध इसका बेहतर उदाहरण हैं।</div>
<div>
 </div>
<div>
ईरान और अरब, इजराइल और फिलिस्तीन ऐसे देश हैं जो आपस में कट्टर दुश्मन रहे हैं लेकिन भारत के सभी के साथ साथ संतुलन बना  रहा है। हालांकि, ट्रंप के शासनकाल में अरब देशों के साथ संबंधों में आए सुधार का एक कारण अमेरिका रहा है।  तो वहीं ईरान के साथ चल रहे चाबहार प्रोजेक्ट में जो देरी हुई उसका कारण अमेरिका से रिश्ते एक कारण रहे। लेकिन रूस के साथ संबंधों में तारतम्यता बनी रही। रूस ने यह अहसास जरूर करवाया कि भारत अमेरिका के नजदीक ज्यादा जा रहा है। जबकि भारत का रूस के साथ रक्षा व्यापार अब भी दुनिया में सबसे ज्यादा है। मोदी सरकार आने के बाद भारत ने पांचवी-छठी  पीढी एसयू 51 लड़ाकू जहाज की परियोजना से हाथ जरूर खींचा है। इसका मलाल भारत को भी है और रूस को भी है। भारत ने इस डील की भरपाई के लिए रूस के साथ एस-400 की डील की। </div>
<div>
 </div>
<div id="cke_pastebin">
दरअसल, ये सारी बातें लिखने और बताने का कारण यह है कि अमेरिका में अब डेमोक्रेट्स का शासन लौट आया है। ट्रंप और जो बाइडेन में छत्तीस का आंकड़ा रहा है। तमाम विदेशी नीतियों को लेकर डेमोक्रेट्स ट्रंप शासन की और ट्रंप की व्यक्तिगत भी आलोचना करते रहे हैं। बाइडेन ने सत्ता संभालते ही सबसे पहला काम ट्रंप की नीतियों और आदेशों को पलटने का किया है। बाइडेन ने सबसे पैरिस पर्यावरण समझौते में वापसी की है। हालांकि इसका लाभ भारत को मिलेगा, लेकिन हमारे प्रतिद्वंदी चीन को भी हमसे ज्यादा लाभ मिलेगा। बाइडेन के नीति निर्मातओं ने पहले दिन ही साफ कर दिया कि अमेरिकी प्रशासन मध्य एशिया और चीन को लेकर ट्रंप की नीतियों की समीक्षा कर सकता है। यह भी कहा गया है कि मध्य एशिया में अमेरिकी फौजों की आवश्यकता को भी फिर से देखा जाएगा। </div>
<div>
 </div>
<div id="cke_pastebin">
अगर, अमेरिका और अरब के संबंधों में खटास आती है तो पूरी दुनिया पर इसका असर पड़ सकता है। भारत के आर्थिक और व्यापारिक हित इन बदलावों से अछूते नहीं रह सकते। बाइडेन प्राशसन का पाकिस्तान के साथ किस तरह के रिश्ते रखेगा, चीन के साथ ट्रंप की नीतियां लागू रहेंगी, साउथ चाइना सी और एशिया प्रशांत नीति में अमेरिका की वही नीतियां रहेंगी जो थीं या बदलेंगी उन सब का प्रभाव भारत पर पड़ेगा। ट्रंप का कार्यकाल शुरू होते ही चीन और ट्रंप की कैमिस्ट्री में काफी कुछ समानता देखी गई लेकिन बाद में ऐसा कैमिकल  लोचा हुआ कि आखिरी क्षणों तक चीन को कीमत चुकानी पड़ी और सत्ता बदलते ही चीन ने माइक पोम्पियो जैसे ट्रंप के ओहदेदारों पर प्रतिबंध लगा दिए।</div>
<div>
 </div>
<div id="cke_pastebin">
जो बाइडेन, चीन की इस हरकत को किस अंदाज में लेते हैं इसका असर भी भारत अमेरिकी संबंधों पर पड़ेगा। फिलहाल जो दिख रहा है वो यह कि पाकिस्तान और चीन भीतर से भले ही खुश हो रहे हों लेकिन बाइडेन ने अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है जिससे यह लगे कि भार्त केंद्रित आतंकवाद पर पाकिस्तान को कोई छूट मिलने वाली है। इस मुद्दे पर बाइडेन के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के उस बयान को बारीकी से देखे जाने की जरूरत है जिसमें उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ कदम तो उठाए है लेकिन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे आतंकियों के खिलाफ किए गए उसके कदम नाकाफी और अधूरे हैं। पाकिस्तान को यह खुश फहमी हो सकती है कि लॉयड ऑस्टिन ने मिलिटरी एड जारी रखने के संकेत दिए हैं, लेकिन साथ में यह भी कहा है कि यह तभी संभव है जब पाकिस्तान यह प्रूव करे कि हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कर रहा है। </div>
<div>
 </div>
<div id="cke_pastebin">
इसके अलावा चीन पर दबाव बढ़ाने की नीति को आगे बढ़ाने के संकेत देते हुए बाइडेन प्राशासन ने यह भी संकेत दिए हैं कि इंडिया-प्रशांत नीति के तहत गठित क्वैड को और मजबूत किया जाएगा। जियोपॉलिटिक्स और इकोनॉमी में चीन को काउंटर करने के लिए भी लगभग वैसी ही नीतियां जारी रहेंगी जैसी ट्रंप प्रशासन ने लागू की थीं।</div>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago