नोबेल पर ट्रंप की नजर, भारत-चीन के बीच मध्यस्थता करने के इच्छुक

नोबेल शांति पुरस्कार पर नजर रखने के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और चीन के बीच विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता करने के इच्छुक हैं, भले ही उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया हो।

इजरायल-अरब संबंधों को बढ़ावा देने के लिए नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित होने के बारे में गुरुवार को एक रिपोर्टर द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि अब चीन और भारत के बीच तनाव और समस्या है..काफी अहम और मुश्किल है। उम्मीद है कि इसे सुलझा लेंगे। अगर हम मदद कर सकते हैं, तो हम करना चाहेंगे।"

ट्रंप को मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल के बीच राजनयिक संबंध स्थापित करने, मध्य पूर्व में शत्रुता को कम करने में मदद करने के लिए नॉर्वे की संसद के एक सदस्य द्वारा नोबेल पुरस्कार के लिये नामित किया गया था।

ट्रंप ने कहा, "दो नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित होना सम्मान की बात है, इसलिए यह एक सम्मान है। और आगे हम देखेंगे क्या होता है।"

उनके नामांकन के बारे में सवाल के हिस्से के रूप में रिपोर्टर ने यह भी पूछा, "क्या आपकी वैश्विक विदेश नीति चीन को काउंटर करने के बारे में भी है? क्या यह उन्हें विश्व स्तर पर चीन की रक्षा बढ़ाने से रोकता है?" सीधे तौर पर इस सवाल का जवाब देने के बजाय ट्रंप ने भारत और चीन के बीच मध्यस्थता करके मदद करने की पेशकश की।

जबकि दोनों देशों ने उनके बीच मध्यस्थता करने के लिए मई में किए गए उनके के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

फॉक्स न्यूज के अनुसार नॉर्वेजियन सांसद क्रिश्चिन टाइब्रिंग-जेड ने नोबेल समिति को भेजे अपने नामाकंन पत्र में दावा किया कि "ट्रंप ने परस्पर विरोधी पक्षों के बीच संपर्क को सुविधाजनक बनाने और भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर सीमा विवाद जैसे अन्य संघर्षो को सुलझाने में एक नई गतिशीलता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।"

हालांकि वास्तव में भारत ने कश्मीर विवाद को हल करने में अमेरिकी मध्यस्थता को ठुकरा दिया था और दोनों देशों के बीच 2015 से उच्च स्तरीय द्विपक्षीय संपर्क नहीं हुए हैं। ट्रंप अपने नोबेल शांति पुरस्कार नामांकन को गंभीरता से ले रहे हैं, जो उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा को मिल चुका है। उन्होंने मुख्य समाचार प्रसारण में अपने नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन की खबर नहीं चलाने के लिए टीवी चैनलों की आलोचना भी की।.

डॉ. शफी अयूब खान

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago