China करीब 25 सालों से लगातार विकास का पर्याय बना हुआ है। लगभग 1.4 बिलियन की आबादी वाला चीन दुनिया भर में अपने उत्पादों का डंका बजवा रहा है। इतना ही नहीं चीन वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक सेतु की तरह काम भी कर रहा है। लेकिन चीन का वह अटूट सेतु अब जर्जर होने के मुहाने पर खड़ा है। जिसके बाद दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों की निगाहें थम सी गई है। और चीनी अर्थव्यवस्था में गिरावट के संकेत के बाद दुनिया भर के देशों में एक चिंता की लकीरें उभर आयी है।
China की अर्थव्यवस्था में मार्च से ही गिरावट दर्ज की जा रही है,जबकि चीन के हाउसिंग मार्केट में तेजी से संकट और गहरा गया है। वहीं, जानकारों का कहना है कि चीनी अर्थव्यवस्था में गिरावट का प्रभाव बड़े पैमाने पर पड़ने वाला है।क्योंकि चीन अकेले वैश्विक आर्थिक विकास में 40 फीसदी हिस्सेदार है।
मार्च से दर्ज की गई चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट
China की अर्थव्यवस्था में मार्च में काफी धीमी आई, कड़े कोविड प्रतिबंध हटने के बाद ड्रैगन की मजबूत विस्तार की उम्मीदें खत्म हो गई हैं। एक नए रिपोर्ट से पता चला है कि चीन के निर्यात में लगातार तीन महीनों में गिरावट दर्ज की गई है, जबकि आयात में लगातार पांच महीनों तक गिरावट दर्ज की गई है। जो चीन में कमजोर अर्थव्यवस्था की ओर संकेत है।
मार्च के बाद China से एक खबर आई की वहां खाने से लेकर अपार्टमेंट जैसी कई सामानों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है,जिसके बाद चिंता और बढ़ गई। जिससे साफ जाहिर होता है कि चीन में कीमतों में लगातार गिरावट जो कमजोर वाणिज्यिक गतिविधि की पहचान है।
हाउसिंग मार्केट में गहरा संकट
China के हाउसिंग मार्केट में तेजी संकट उत्पन्न हो रहा है, चीन में हाउसिंग मार्केट में गिरावट दर्ज की जा रही है।कंट्री गार्डन नाम के एक प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर ने अपने बॉन्ड पर भुगतान करने में चूक कर दी और एक अनुमान के मुताबिक उसे साल की पहली छमाही में 7.6 बिलियन डॉलर तक का नुकसान हुआ।
चीनी श्रमिकों के लिए बढ़ी परेशानी
चीन में रह रहे श्रमिकों और परिवारों के लिए इन घटनाओं ने परेशानी बढ़ा दी। दुनिया भर में कमजोर होती चीनी अर्थव्यवस्था ने विश्व के प्रमुख सामानों की मांग में कमी का संकेत दिया है। जैसे चीन में सामानों की मांग की कमी के कारण ब्राजील में सोयाबीन, अमेरिका में मांस से लेकर, इटली में बनी लग्जरी सामानों सहित तेल, खनिज और उद्योग के अन्य निर्माण क्षेत्रों में कम रुचि पैदा हुई है।
चीन की गिरती अर्थव्यवस्था का वैश्विक प्रभाव पड़ेगा-एक्सपर्ट
वहीं, चीन के मुख्य अर्थशास्त्री लैरी हू का कहना है कि, “चीन में आई मंदी निश्चित रूप से पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर असर डालने वाली है क्योंकि चीन अब दुनिया में नंबर 1 कमोडिटी उपभोक्ता है। इसका प्रभाव बहुत बड़ा होने वाला है।”
चीन वैश्विक आर्थिक विकास का 40 फीसदी हिस्सेदार
एक रिसर्च के मुताबिक, पिछले दशक में चीन वैश्विक आर्थिक विकास का अकेले 40 फीसदी से ज्यादा का हिस्सेदार है। जबकि अमेरिका की हिस्सेदारी इसमें महज 22 फीसदी है और यूरोपीय 20 देशों की हिस्सेदारी सिर्फ 9 फीसदी है।
चीनी के पास गिरती अर्थव्यवस्था से जूझने के सिमित विकल्प
चीन की गिरती अर्थव्यवस्था की वजह से चिंता और बढ़ने वाली है क्योंकि चीनी अधिकारियों के पास अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करने के सीमित विकल्प हैं। दरअसल, चीन के बढ़ते कर्ज का अनुमान राष्ट्रीय उत्पादन का 282 फीसदी हो गया है, जो अमेरिका से भी ज्यादा है।
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