अंतर्राष्ट्रीय

Uighur Muslims पर UN की रिपोर्ट, दुनिया के सामने आए चीन के अत्याचार!

Uighur Muslims: दुनिया चीन इकलौता ऐसा देश है जिससे एक दोन नहीं बल्कि, दर्जनों देश परेशान हैं। जो चीन के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं वो तो परेशान हैं ही जो नहीं करते हैं वो भी हैं। चाहे नेपाल, वियतनाम, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, श्रीलंका हर कोई परेशान है। ताइवान को चीन अपने कब्जे में लेने की फिराक में है। जब इंसानियत की बात आती है तो यहां भी चीन का क्रूर चेहरा नजर आता है। उइगर मुसलमानों (Uighur Muslims) की जिंदगी चीन सरकार ने नर्क से भी बदतर बना दी है। ये चीन की कैद में हैं, इन्हें शिनजियांग शहर से बाहर जाने की इजाजत नहीं है। चीन ने इन लोगों को सर्विलांस पर रखा है। 12-12 घंटे काम करता है। यहां तक कि उइगर मुसलमानों (Uighur Muslims) के आंख, किडनी, दिल के साथ ही अन्य शरीर के पार्ट्स निकाल कर चीन कालाबजारी करता है। संयुक्त राष्ट्र इसपर कई बार आपत्ति जता चुका है। अब एक बार फिर से चीन ने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।

चीन ने संयुक्त राष्ट्र की जिस रिपोर्ट को खारिज किया है, उसमें कहा गया था कि, शिनजियांग में उइगर और अन्य मुस्लिम जातीय समूह के लोगों को सरकार द्वारा जबरन नजरबंद रखना मानवता के खिलाफ अपराध के दायरे में आ सकता है। मानवाधिकार समूहों और जापान की सरकार ने इस रिपोर्ट का स्वागत किया है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अपनी आतंकवाद और उग्रवाद रोधी नीतियों के तहत मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया है। संगठन ने संयुक्त राष्ट्र, विश्व बिरादरी और खुद चीन से इस पर “तत्काल ध्यान’ देने का आह्वान किया है।

इस रिपोर्ट पर जिनेवा में चीन के राजनयिक मिशन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि, इस रिपोर्ट में शिनजियांग में किए गए मानवाधिकार संबंधी कार्यों की उपलब्धियों और आबादी को आतंकवाद व उग्रवाद से हुए नुकसान की अनदेखी की गई है। चीन के मिशन ने एक बयान में इस रिपोर्ट को चीन विरोधी तत्वों का कृत्य करार दिया और कहा कि यह गलत जानकारी व झूठ पर आधारित है, जिसका उद्देश्य चीन की छवि धूमिल करना है।

बता दें कि, इससे पहले भी, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट ने रिपोर्ट को रोकने के चीन के अनुरोध को खारिज कर दिया। बैचलेट ने मई में शिनजियांग की यात्रा की थी, जिसके बाद यह रिपोर्ट आयी है। इस रिपोर्ट ने क्षेत्र के मूल उइगर और अन्य प्रमुख मुस्लिम जातीय समूहों के अधिकारों पर पश्चिमी देशों के साथ राजनयिक प्रभाव को लेकर रस्साकशी शुरू की है। पश्चिमी राजनयिकों और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने कहा कि रिपोर्ट लगभग तैयार थी, लेकिन बैचलेट का चार साल का कार्यकाल पूरा होने से कुछ ही मिनटों पहले इसे जारी किया गया। कई पत्रकारों, स्वतंत्र मानवाधिकार समूहों ने शिनजियांग में वर्षों से मानवाधिकार उल्लंघन पर काफी कुछ लिखा है। बैचलेट की इस रिपोर्ट पर संयुक्त राष्ट्र तथा उसके सदस्य देशों की मुहर लगी है। इसके जारी होने के बाद विश्व संस्था में चीन के प्रभाव पर बहस छिड़ गई। रिपोर्ट जारी होने से कुछ देर पहले संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जून ने कहा था कि बीजिंग इस रिपोर्ट का दृढ़ता से विरोध करता है।

आईएन ब्यूरो

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