अमेरिकी Striker Jets ने अंधे कर दिए Chinese Radar और Satellites, पीएलए ने कबूली हार, Taiwan पर बढ़ाया दबाव

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ताइवान के खिलाफ चीन के उग्र तेवरों की वजह का खुलासा हो गया है। दरअसल, अमेरिका की हाउस स्पीकर नैंसी पैलोसी की ताईपे विजिट के दौरान अमेरिकन स्ट्राइकर जेट्स ने चीन के इलेक्ट्रॉनिक वॉर फेयर पर हमला कर उसे फेल कर दिया था। चीन के रडार अंधे हो गए थे। पैलोसी के जहाज को ट्रैक कर रहे चीनी नेवी के वारशिप का नेविगेशन ठप हो गया था। पैलोसी की ताइवान यात्रा के दौरान चीन और अमेरिका भयंकर जंग से जूझ रहे थे। इस जंग का अहसास भर दुनिया के बाकी देशों को था। लेकिन असलियत में इस जंग में अमेरिका ने चीन को घुटनों पर आने को मजबूर कर दिया। अमेरिका ने चीन को दिखा दिया कि इलेक्ट्रॉनिक वॉर फेयर के मामले उसका कोई सानी नहीं है।</p>
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शी जिनपिंग की सरकार अमेरिकी हाथों हुई इस बड़ी हार को पचा नहीं पा रही है। इसीलिए लगातार ताइवान को उकसाने की कार्रवाई के निर्देश दे रहे है। ध्यान रहे शी जिनपिंग चाइनीज मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष हैं और आपात काल में सेना को हमला का आदेश देने का अधिकार भी उन्हीं के पास है। शी जिनपिंग ने तीनों सेनाओं को आदेश दिया था कि पैलोसी का विमान किसी भी हालत में ताईपे में नहीं उतरना चाहिए। इसके लिए चीनी नौसेना और वायुसेना लगातार पैलोसी के विमान को ट्रैक कर रही थी। पेंटागन ने पैलोसी के विमान की हिफाजत के लिए एक स्ट्राइकर ग्रुप के फाइटर जेट्स को भेजा था। इन फाइटर जेट्स ने फिजिकल स्ट्राइक न करके इलेक्ट्रॉनिक स्ट्राइक की और जमीन-आसमान और समुद्री ट्रैकिंग सिस्टम को ही नहीं बल्कि चीन के निगरानी और खुफिया सैटेलाइट्स को भी अंधा कर दिया था।</p>
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चीन के मिलिट्री सोर्सेस ने इस बात को कबूल भी किया है। चीनी मिलिट्री सोर्सेस ने सीसीटीवी पर कबूल किया कि पैलोसी के ताइवान विजिट से पहले और बाद में इलेक्‍ट्रॉनिक वॉरफेयर में पीएलए को अमेरिकी सेनाओं के हाथों बुरी तरह से शिकस्‍त का सामना करना पड़ा है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट ने मिलिट्री सोर्सेज के हवाले से बताया है कि किस तरह से चीन की नौसेना और वायुसेना ने कई जगहों की पूरी ट्रैकिंग कर रखी थी और सर्विलांस को भी पूरा किया था। इसका मकसद यूएस एयरनफोर्स के उस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को रोकना था। लेकिन आखिरी समय में चीन की नेवी और एयरफोर्स को पता ही नहीं चला कि कुआलालंपुर से पैलोसी का विमान ताइवान की राजधानी ताइपे किस रूट से पहुंच गया।</p>
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पीएलए के मेजर जनरल मेंग शियांगकिंग ने कबूला बै कि पीएलए ने पैलोसी के विमान की ट्रैकिंग के लिए टाइप 055डेस्‍ट्रॉयर्स लगाए थे। ये ट्रैकिंग पूरी तरह से असफल साबित हुई। शी जिनपिंग ने इस हार के कारणों की जांच के लिए अलग से मिलिट्री कमीशन बना दिया है। यह मिलिट्री कमीशन बहुत ही गुप्त तरीकों से अपने ही मिलिट्री अफसरों का कोर्टमार्शल कर रही है। साथ ही इस बात की जांच की जा ही है कि चीन के सभी सर्विलांस सिस्टम एक साथ कैसे फेल हो गए। अमेरिकी एयरफोर्स के हाथों हुई शिकस्त से शी जिनपिंग बुरी तरह भड़के हुए हैं। ताइवान को इस बात की पूरी जानकारी है। ताइवान आजादी का ऐलान न कर दे इसलिए शी जिनपिंग ने अपनी फौजों को आदेश दिया है कि ताइवान पर दबाव बनाकर रखा जाए।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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