India on Afghan Women Education: अफगानिस्तान में जब तालिबान ने 20 वर्षों बाद वापसी की तो सबसे ज्यादा खौफ महिलाओं में देखने को मिली और अब भी है। लाखों लोग अपना सबकुछ छोड़ कर दूसरे मुल्क में नई जिंदगी शुरू करने के लिए बेबस हो गये। महिलाओं में तालिबानी खौफ जायज थी। क्योंकि, 20 साल पहले तालिबान ने जो क्रूर चेहरा दिखाया था उसी का डर था और वही हुआ। दुनिया के सामने तालिबान अपने आप को बदला हुआ दिखाया लेकिन, असल में वो अपना पूराना चेहरा ही अंदर दबाये बैठा था। जो धीरे-धीरे सामने आते गया। अब हाल यह है कि, महिलाओं की जिंदगी तालिबान राज में नर्क बन गई है। तालिबान का नया फरमान है कि, अब महिलाएं विश्वविद्यालय स्तर (India on Afghan Women Education) की शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकती। तालिबान के इस प्रतीबंध का दुनियाभर विरोध कर रहा है और यूएन में भारत ने जब दहाड़ा तो इसकी गूंज पूरे विश्व में सुनाई देने लगी। भारत (India on Afghan Women Education) ने साफ तौर पर इसका विरोध किया है।
अमेरिका ने कहा तालिबान का सबसे निंदनीय कृत्य है
अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में अमेरिका ने भी इस तालिबान के हालिया निर्णय की निंदा की है। व्हाइट हाउस एनएससी के प्रवक्ता एड्रिएन वाटसन ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका अफगान महिलाओं को विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा प्राप्त करने से रोकने के लिए तालिबान के अक्षम्य निर्णय की निंदा करता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने और उन्हें अपने मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का प्रयोग करने से रोकने के लिए तालिबान नेतृत्व का यह सबसे निंदनीय कृत्य है। वॉटसन ने कहा कि अफगानिस्तान की आधी आबादी को पीछे रखने के इस अस्वीकार्य रुख के परिणामस्वरूप, तालिबान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अलग हो जाएगा और अपनी इच्छा की वैधता से वंचित हो जाएगा।
तालिबान का ये कदम विनाशकारी है
उन्होंने कहा कि, संयुक्त राज्य अमेरिका इस मुद्दे पर अपने भागीदारों औऱ सहयोगियों के साथ संपर्क में है। हम अफगान महिलाओं और लड़कियों का समर्थन करने और अफगानिस्तान के लोगों को मजबूत मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए अपने साझा प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाना जारी रखेंगे। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी तालिबान के इस फैसले की निंदा करते हुए चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि, शिक्षा से इनकार न केवल महिलाओं और लड़कियों के समान अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि देश के भविष्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।
भारत ने जताई चिंता
UNSC में विदेश मंत्रालय के एक सचिव संजय वर्मा ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति पर गहराई से चिंतित है। वर्मा ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और देश से संबंधित मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है।
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