ठीक नहीं हैं अमेरिका के इरादे, Putin के खिलाफ इंडिया को भड़का रहा US! हिलेरी क्लिंटन बोलीं- अगर चीन हमला करता है तो…

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यूक्रेन और रूस जंग को लेकर दुनिया दो धड़ों में बंटी हुई है। कोई पुतिन के साथ है तो कोई अमेरिका और नाटो के बताए कदमों पर चल रहा है। अमेरिका और नाटो का कहना है कि जो कई भी रूस की मदद करेगा वो उसे बर्बाद कर देगा। इस बीच भारत को भी जमकर धमकियां मिली। रूस के खिलाफ कुछ न बोलने से लेकर यूएन में हुए उसके खिलाफ मतदान में भारत ने खुद को अलग कर लिया। इसके साथ ही रूसी तेल खरिदारी पर भी अमेरिका ने जमकर धमकियां दी लेकिन, भारत ने इसका ऐसा जवाब दिया कि, अमेरिका की सिट्टी-पिट्टी गुल हो गई। जब बात ऐसे नहीं बनी तो अब भारत को रूस के खिलाफ अमेरिका भड़काने का कोशिश कर रहा है। पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी रोडम क्लिंटन ने कहा है कि, यूक्रेन संकट पर भारत की भी वही प्रतिक्रिया होगी, जो दुनिया के बाकी देशों की है। उन्होंने कहा कि, रूस जो यूक्रेन में कर रहा है वो गलत है।</p>
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टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में बोलते हुए हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि अगर चीन अपनी विशाल सेना को भारत भेजता है तो भारत भी चाहेगा कि दुनिया इसी तरह नाराज हो और साथ दे। उन्होंने कहा, भारत को बहुत उच्च सम्मान में रखा जाता है। इसकी स्थिति मायने रखती है। रूस की आक्रामकता और चीनी आक्रामकता को रोकने के प्रयास हर किसी के हित में हैं। क्लिंटन ने कहा कि यूरोप को रूसी ऊर्जा से दूर करने के अमेरिकी प्रयासों में कुछ प्रगति हुई है, हालांकि शायद उतनी नहीं जितनी वह देखना पसंद करेंगी। उन्होंने यह भी याद किया कि कैसे भारत ने ईरान से तेल आयात में कटौती की थी, जब उन्होंने तत्कालीन विदेश मंत्री के रूप में भारतीय नेतृत्व के सामने कहा था कि अगर ईरान के परमाणु हथियार प्राप्त करता है तो यह एक भयानक स्थिति होगी। आपको बता दें कि भारत यूक्रेन युद्ध का पक्षधर नहीं रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कई मौकों पर बातचीत से मामले को सुलझाने की अपील दोनों देशों से की है।</p>
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इसके आगे पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि, रूस से भारत का तेल आयात बहुत कम है। किसी अन्य संप्रभु राष्ट्र की तरह भारत के पास अपने हित में स्वतंत्र रूप से निर्माण लेने के अधिकार को रेखांकित करना महत्वपूर्ण है। लेकिन, मैं निश्चित रूस से भारत के लिए इस वैश्विक प्रतिक्रिया का हिस्सा बनने का तर्क दूंगी। जब मैंने UNSC को ईरान पर प्रतिबंध लगाने के लिए काम किया तो मैंने भारत की यात्रा की और यह बताया कि कैसे ईरान को परमाणु हथियार मिलना कितना खतरनाक होगा। भारत हमारे मुकाबले कहीं ज्यादा करीब था। भारत बहुत मददगार हुआ। मुझे लगता है कि हम भारत से यही उम्मीद कर रहे हैं। मैं समझती हूं कि आपको कठिन चुनाव करना है। मेरा तर्क यह है कि अब आप क्वाड का हिस्सा हैं। मैंने अतीत में कहा है कि आपको पूर्व की ओर देखना चाहिए और पश्चिम की ओर भी देखना चाहिए। भारत महत्वपूर्ण राष्ट्र है। रूस को रोकने की कोशिश करना सभी के हित में है और मैं यही तर्क दूंगी।</p>
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आईएन ब्यूरो

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