अमेरिका ने ‘महासम्मेलन’ के लिए भारत समेत 110 देशों को भेजा न्योता तो आग बबूला हो उठा चीन

<p>
अमेरिका में 9 और 10 दिसंबर को 'वर्चुअल समिट फॉर डेमोक्रेसी' होने वाला है। जिसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने तकरीबन 110 देशों को आमंत्रित किया है। जिसकी लिस्ट अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने जारी की है। इस लिस्ट के मुताबिक, अमेरिका ने वर्चुअल समिट के लिए चीन को आमंत्रित नहीं किया है, जबकि चीन के दुश्मन देश ताइवान को बुलावा भेजा है। यही नहीं, इस लिस्ट से नाटो के एक सदस्य तुर्की का नाम भी गायब है। इसके अलावा, रूस का नाम भी शामिल नहीं है। साथ ही अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका को भी इस लिस्ट से बाहर रखा गया है।</p>
<p>
<a href="https://hindi.indianarrative.com/india-news/gautam-gambhir-receives-death-threat-from-isis-kashmir-news-34320.html">यह भी पढ़ें- Gautam Gambhir को मिल रही ISIS कश्मीर से जान से मारने की धमकियां, दिल्ली पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा</a></p>
<p>
आपको बता दें कि अमेरिका ने भारत को वर्चुअल समिट के लिए आमंत्रित किया है। केंद्र सरकार के मुताबिक भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा 9-10 दिसंबर को आयोजित समित फॉर डेमोक्रेसी के लिए भारत को भी आमंत्रण मिला है। उम्मीद है कि पीएम मोदी इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे। भारत के अलावा अमेरिका ने पाकिस्तान और इराक को भी इसके लिए न्योता भेजा है। अमेरिका ने ताइवान को न्योता देकर चीन पर निशाना साधने की कोशिश की है। गौरतलब है कि चीन और ताइवान के संबंध इस समय बेहद तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहे हैं। चीन ताइवान पर कब्जा करना चाहता है, लेकिन खिलाफ ताइवान की सरकार डटकर खड़ी है।</p>
<p>
<a href="https://hindi.indianarrative.com/economy-news/th-pay-commission-update-central-government-employees-da-hike-in-new-year-34321.html">यह भी पढ़ें- 7th Pay Commission: नया साल लेकर आ रहा केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई सौगात,  जनवरी 2022 में 3% बढ़ेगा DA</a></p>
<p>
अमेरिका खुद चीन पर ताइवान के साथ दिखाने की साफ तौर पर कोशिश कर रहा है। यही कारण है कि अमेरिका की तरफ से कार्यक्रम के लिए चीन को अमंत्रित नहीं किया गया है और ताइवान को न्योता भेजा गया है। हाल ही मेंअमेरिकी युद्धपोत ताइवान से होकर गुजरा था जिस पर चीन ने विरोध जताया था। अमेरिका ने कहा कि पोत का ताइवान के जलडमरूमध्य से होकर गुजरना एक मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। एक बयान में कहा गया- 'अमेरिकी सेना कहीं से भी होकर गुजर सकती है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय कानून अनुमति देता हो।'</p>

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago