यूएसएस जॉन एस. मैक्केन दक्षिण चीन सागर के पॉरसेल द्वीप के करीब, चीन के हाथ-पांव फूले

चीन ने शुक्रवार को विवादित पॉरसेल द्वीप समूह के करीब गाइडेड मिसाइल युक्त विध्वंसक अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस जॉन एस. मैक्केन को देखे जाने के बाद दक्षिण चीन सागर में अमेरिका की "उत्तेजक कार्रवाई" को रोकने की मांग की है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की दक्षिणी थिएटर कमान ने यूएसएस जॉन एस. मैक्केन की कार्रवाई को खतरनाक बताया।

कमांड के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग नंदॉन्ग ने एक बयान में कहा कि पीएलए ने नौसेना और हवाई बलों को विध्वंसक युद्धपोत पर निगरानी रखने और इसे इलाके से दूर करने के लिए भेजा। उन्होंने अमेरिकी युद्धपोत के इस काम को चीन के समुद्री इलाके में घुसपैठ बताया और क्षेत्र में अपने नौसैनिक और हवाई संचालन को नियंत्रित करने के लिए अमेरिका से आग्रह किया।

बीजिंग लगभग संपूर्ण दक्षिण चीन सागर को अपने संप्रभु क्षेत्र के रूप में दावा करता है। मंदारिन में जिसहा (Xisha) द्वीप समूह कहे जाने वाले पॉरसेल (Paracels) पर 1974 से चीन का कब्जा है, लेकिन ताइवान और वियतनाम भी इस पर अपने अधिकार का दावा करते हैं।

कर्नल झांग नंदॉन्ग के बयान में कहा गया है कि बीजिंग अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखेगा।

झांग ने कहा कि अमेरिका ने अक्सर दक्षिण चीन सागर में युद्धपोतों को अपने बल प्रदर्शन और चीन की संप्रभुता और सुरक्षा हितों का गंभीर रूप से उल्लंघन करने के लिए भेजा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां "जबरदस्त नौसैनिक आधिपत्य और सैन्य उकसावे" की थीं। अमेरिकी पक्ष को इस तरह की उत्तेजक कार्रवाई को तुरंत रोकने और अपने समुद्री और हवाई सैन्य अभियानों का कड़ाई से प्रबंधन और नियंत्रण करने की जरूरत है।

चीन-अमेरिका के संबंध हाल के वर्षों में काफी खराब हो गए हैं, क्योंकि 2018 में शुरू हुआ एक व्यापार युद्ध अब प्रौद्योगिकी, विचारधारा और सेना सहित अन्य क्षेत्रों में फैल गया है। दोनों देशों ने इस समुद्री क्षेत्र में अपनी सैन्य पैंतरेबाज़ी से एक-दूसरे का जवाब दिया है। अमेरिका ने इस इलाके में अपनी नौसेना के संचालन को लगातार जारी रखा है तो चीन ने जून से पॉरसेल के पास अपने तीसरे दौर के नौसैनिक अभ्यास किए हैं।

हनोई ने जुलाई में कहा कि पीएलए नौसेना के अभ्यासों ने वियतनाम की संप्रभुता और दक्षिण चीन सागर में आचार संहिता पर बीजिंग और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ के बीच जटिल बातचीत का उल्लंघन किया।

उसी महीने दक्षिण चीन सागर के लिए दो विमान वाहक युद्धपोत-यूएसएस निमित्ज़ और यूएसएस रोनाल्ड रीगन को भेजने के बाद बीजिंग ने अमेरिका पर " एक तरह से दुनिया को धमकाने के लिये नौसेना भेजने" का आरोप लगाया था।.

डॉ. शफी अयूब खान

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