अंतर्राष्ट्रीय

अमेरिकी राष्ट्रपति की रेस में भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने चीन को लेकर USA को दी बड़ी सलाह!

अमेरिकी राष्ट्रपति की रेस में भारतीय मूल के विवेक रामास्वानी ने चीन को घेरने के लिए USA को बड़ी सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि चीन को घेरने के लिए अमेरिका को भारत के साथ ऑकस डील करनी चाहिए।

USA  में अगले साल राष्ट्रपति का चुनाव होना है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में किस्मत आजमा रहे भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने कहा है कि चीन को घेरने के लिए अमेरिका को भारत के साथ ऑकस डील करनी चाहिए। बता दें कि भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी रिपब्लिकन पार्टी के उम्‍मीदवार हैं,जिन्होंने चीन को लेकर भी गंभीर बातें कही है।

38 साल के विवेक रामास्‍वामी ने एक आर्टिकल में भारत और चीन को लेकर कई बातें कही हैं। साथ ही उन्‍होंने अमेरिका और भारत की साझेदारी को मजबूत करने के लिए रक्षा तकनीक के ट्रांसफर का भी समर्थन किया है।

USA में विवेक रामास्वामी की लोकप्रियता हाल के कुछ‍ दिनों में बढ़ी है। हाल ही में विवेक उस समय खबरों में थे जब अमेरिकी लेखिका ऐन कूल्टर ने उनके धर्म को लेकर निशाना साधा था। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने इंडो-चाइना पॉलिसी की तारीफ की है।

विवेक ने ‘एन अमेरिकन कंजर्वेटिव’ में अपनी विदेश नीति के बारे में बताया है। उन्‍होंने लिखा है, ‘भारत हमारे इंडो-पैसिफिक नीति का अहम साझीदार है। मैं भारत के गुटनिरपेक्षता और समद्विभाजन की यथार्थवादी परंपरा का सम्मान करता हूं।

वहीं, इसके बाद उन्होंने कहा कि ‘मैं उन्हें हमारे दूसरे क्षेत्रीय नेतृत्व के करीब लाने के तरीके तलाश करूंगा।’ इसके साथ ही विवेक ने भारत के सबसे बड़े हथियार निर्यातक होने का जिक्र किया। उन्‍होंने लिखा, ‘अभी, भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक है, साथ ही प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग का एक मजबूत केंद्र है।

विवेक ने ऑकस डील पर दिया जोर

वहीं, भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने अमेरिका को भारत के साथ एक ऑकस डील की पैरवी की है। उन्‍होंने लिखा, ‘मैं एक ऑकस स्‍टाइल की डील करूंगा ताकि परमाणु पनडुब्बी प्रौद्योगिकी साझा की जा सके और भारतीय नौसेना को सशक्त बनाया जा सके।’

विवेक का मानना है कि अगर भारतीय नौसेना के पास परमाणु पनडुब्‍बी होगी तो ताइवान में युद्ध के समय अंडमान और मलक्का जलडमरूमध्य में नौसैनिक चीन की घेराबंदी कर सकते हैं। उनके मुताबिक यह जो मध्य पूर्व से चीन को जाने वाला अहम तेल सप्‍लाई मार्ग से है। यह संभावना ही चीन को ताइवान पर आक्रमण करने से रोक सकेगी।

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आईएन ब्यूरो

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