अंतर्राष्ट्रीय

BRI पर Nepal-China में ज़ुबानी जंग! प्रचंड ने प्रोजेक्ट को नहीं दिया भाव तो जबरन थोपने में जुटा ड्रैगन

भारत के पड़ोसी देशों को ऋण जाल में फंसा कर चीन (Nepal-China) अपने नापाक मंसूबो को अंजाम देने में लगा हुआ है। पाकिस्तान के बाद चीन का अगला शिकार नेपाल है जिस पर चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) थोपने की कोशिश कर रहा है। चीन ने घोषणा की है कि नेपाल में BRI परियोजना शुरू हो चुकी है लेकिन नेपाल सरकार ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है। चीन का दावा है कि वह नया सिल्‍क रोड तैयार कर रहा है और इसके लिए वह अरबों डॉलर का निवेश पूरी दुनिया में कर रहा है।

चीन ने अरबों डॉलर के बीआरआई प्रॉजेक्‍ट शुरू किए

पाकिस्‍तान, श्रीलंका, कंबोडिया, अफ्रीका महाद्वीप समेत दुनिया के कई देशों में चीन ने अरबों डॉलर के बीआरआई प्रॉजेक्‍ट शुरू किए। वहीं नेपाल ने अब तक इस परियोजना से किनारा किया हुआ है। यही वजह है कि नेपाल में बीआरआई का एक भी प्रॉजेक्‍ट शुरू नहीं हो सका है। इससे चीन अब भड़का हुआ है और नेपाल सरकार के साथ उसकी जुबानी जंग शुरू हो गई है।

प्रचंड ने प्रोजेक्ट को नहीं दिया भाव तो जबरन थोपने में जुटा ड्रैगन

दरअसल, धीरे धीरे सबको चालबाज़ चीन की चालें समझ आ गई है। पहले ड्रैगन ने श्रीलंका को अपने क़र्ज़ जाल में फसाया और उसे डिफ़ॉल्ट कर दिया। ऐसा ही कुछ हाल भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान का भी है। पाकिस्तान को भी चीन ने अपने क़र्ज़ का लालच दिया और आज पाकिस्तान भुकमरी की कगार पर पहुंच गया है। इन सब को देखते हुए भारत के एक और पड़ोसी देश नेपाल में भी चीन (Nepal-China) अपने पंख फैलाना चाह रहा था , लेकिन नेपाल ने सबको देखते हुए सबक़ लिया और चीन को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जिससे अब चीन नाराज हो गया है। चीन ने अब नेपाल में चलाए जा रहे अपने सभी प्रॉजेक्‍ट को जबरन बीआरआई का हिस्‍सा बताना शुरू कर दिया है। वहीं नेपाल की सरकार ने साफ कर दिया है कि देश में अभी बीआरआई परियोजना शुरू ही नहीं हो सकी है।

बीआरआई के तहत 35 प्रॉजेक्‍ट को शामिल किया गया था

यूरो एशिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीआरआई में शामिल होने के बाद नेपाल ने शुरू में एक फ्रेमवर्क पर हस्‍ताक्षर किया था जिसमें शुरू में बीआरआई के तहत 35 प्रॉजेक्‍ट को शामिल किया गया था। बाद में यह केवल 9 तक सिमट गया। नेपाल सरकार के इन प्रॉजेक्‍ट के वित्‍तपोषण (साफ्ट लोन या ग्रांट) को लेकर संदेह जताने के बाद भी चीन ने अब दावा शुरू कर दिया है कि नेपाल में पूरे किए गए कई प्रॉजेक्‍ट बीआरआई का हिस्‍सा है। ताजा घटनाक्रम में नेपाल में चीन के राजदूत चेंग सोंग ने जून 2023 में वीचैट पे लॉन्‍च किया और इसे भी बीआरआई का हिस्‍सा बता दिया।

यह भी पढ़ें: Nepal-China के बीच BRI पर तकरार, ड्रैगन ने धमकाया तो एक्शन में आया America

इससे नेपाल के सत्‍ता के गलियारे में यह भ्रम होना शुरू हो गया। नेपाल में जब विपक्षी दलों ने सफाई मांगी तो नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सौद ने साफ कह दिया कि नेपाल और चीन के बीच बीआरआई परियोजना का क्रियान्‍वयन अभी भी चर्चा के चरण में है। अभी तक एक भी बीआरआई प्रॉजेक्‍ट शुरू नहीं हो सका है। काठमांडू पोस्‍ट अखबार के पूर्व संपादक संजीव सतगैन्‍या का मानना है कि चीन के लिए बीआरआई अब उसकी विदेशी और क्षेत्रीय नीति का हिस्‍सा है। यही नहीं चीन ने बीआरआई को बढ़ावा देना अब कानूनी जरूरत बना दिया है।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago