तालिबान के बयान से बढ़ेगी चीन-पाकिस्तान की टेंशन, एशिया का सुपर पावर है भारत

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भारत की ताकत वैश्विक स्तर पर हाल के दिनों काफी बढ़ी है। भारत को हर देश अब सम्मान भरी निगाहों से देखता है। चाहे वो दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका हो या फिर तालिबान जैसे देश। सभी देश भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं। तालाबिन की तरफ से एक बयान जारी किया है जिससे पाकिस्तान और चीन की टेंशन बढ़ सकती है।</p>
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तालिबना ने अपने हालिया बयान में भारत की तारीफ की है। तालिबान ने कहा कि हम भारत का समर्थन करते हैं और हम अपनी जमीन का कभी भी भारत के खिलाफ इस्तेमाल ना होने का वादा करते हैं। दरअसल तालाबिन का ये बयान भारत के लिए काफी अहम है। अहम इसलिए क्योंकि अमेरिका अपने सैनिक अफ़्गानिस्तान से निकालने जा रहा है। ऐसे में सत्ता फिर से तालिबान के हाथों में होगी।</p>
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सत्ता आने के बाद तालिबान के लड़ाके भारत के खिलाफ कोई साजिश ना करें इसका डर बना रहता है। जैसे कश्मीर में उपद्रव फैलान की कोशिश, अपनी जमीन पर एंटी इंडिया कार्यक्रमों का आयोजन। ऐसे में तालिबान का यह बयान भारत के लिए अच्छी खबर है।</p>
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एशियाई देशों में चीन और भारत दो महाशक्ति हैं। तालिबान यह बात जानता है कि सत्ता आने के बाद चीन से मदद लेना खतरों से खाली नहीं है। पाकिस्तान इसका जीता जागता उदाहरण है। ऐसे में आर्थिक मदद के लिए तालिबानी सरकार को भारत के उपर काफी निर्भर करना पड़ेगा।</p>
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अफगानिस्‍तान को लेकर आगामी 24 अप्रैल को एक अहम बैठक शुरू हो रही है। इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र, तुर्की और कतर के अलावा अफगानिस्‍तान सरकार और तालिबान के सदस्‍य हिस्‍सा लेंगे। ये बैठक 4 मई 2021 तक चलेगी। इसकी औपचारिक घोषणा संयुक्‍त राष्‍ट्र, तुर्की और कतर के साझा बयान में की गई है। ये बैठक तुर्की के इस्‍तांबुल में होगी।</p>
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आपको बता दें कि अमेरिकी पहल पर सितंबर 2020 में तालिबान और अफगान सरकार के प्रतिनिधियों के बीच दोहा में, औपचारिक शांति वार्ता शुरू हुई थी। इससे पहले राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के कार्यकाल में फरवरी 2020 में तालिबान और अमेरिका के बीच में एक शांति समझौता किया गया था जिसमें अमेरिका ने अफगानिस्‍तान से 1 मई तक अपनी फौज को वापस ले जाने की बात कही थी। हालांकि राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने अब इस सीमा को बढ़ाकर सितंबर 2021 कर दिया है। वहीं तालिबान ने अमेरिका के इस प्रस्‍ताव को खारिज कर दिया है।</p>

आईएन ब्यूरो

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