Agni Missile: पाकिस्तान और चीन से मिल रही चुनौतियों को देखते हुए भारत ने अपनी मिसाइलों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा है। दरअसल, बीती रोज ही पहले मध्यम दूरी की अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल टेस्ट फायर इसी दिशा में एक कदम है। ओडिशा में ए. पी. जे. अब्दुल कलाम द्वीप से स्ट्रैटिजिक फोर्सेज कमांड ने यह टेस्ट किया।अब यही कमान देश के परमाणु हथियारों का प्रबंधन करती है। अग्नि-1 मिसाइल अग्नि सीरीज का हिस्सा है। अग्नि मिसाइल भारत की परमाणु लॉन्च क्षमता की रीढ़ कही जा सकती है। अग्नि और ब्रह्मोस मिसाइलों के साथ भारत 50 से 5000 किमी तक दुश्मन को तबाह करने की ताकत रखता है। क्या आपको मालूम है क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल क्या होती है?
अग्नि-1 की मारक क्षमता 700 किमी, अग्रि-2 की 2000, अग्नि-3 की 3000 अग्नि-4 की 4000 और अग्नि-5 की 5000 किमी है। वहीं पिछले साल दिसंबर 2022 में भारत ने अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षण अग्नि सीरीज की मिसाइलें सतह से सतह पर मार कर सकती है। 15 मीटर लंबी अग्नि-1 मिसाइल 1000 किग्रा तक का पेलोड या परमाणु हथियार ले जा सकती है।
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क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल में क्या अंतर?
क्रूज मिसाइल लॉन्च होने के बाद लगभग सीधी रेखा में धरती के बराबर आगे बढ़ती है। यह आसमान में कम ऊंचाई पर जाती है और दुश्मन के रेडार को चकमा दे सकती है। क्रूज मिसाइल में नेविगेशन सिस्टम होता है। यह 15-20 किमी की ऊंचाई पर वार करती है।
जबकि बैलिस्टिक मिसाइल आसमान में काफी ऊंचाई पर जाती है। इसमें रॉकेट इंजन लगा होता है। लॉन्चिंग के बाद टारगेट तबाह करने में बैलिस्टिक मिसाइल अंडाकार आकृति बनाती है। बैलिस्टिक मिसाइल 1500 से 2000 किमी की ऊंचाई तक जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन करीब 400 किमी की ऊंचाई पर है। क्रूज इससे काफी नीचे रहती है जबकि बैलिस्टिक मिसाइल इसके काफी ऊपर जाती है।