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विनाश का दूसरा नाम हाइड्रोजन बम,चीन को सबक सिखाने के लिए भारत को चाहिए ये ब्रम्हास्त्र

Thermonuclear Bomb India

भले ही जंग रूस और यूक्रेन के बीच हो लेकिन इन दोनों देशों के युद्ध की वजह से अब दुनिया में न्यूक्लियर बम का खतरा बढ़ता जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ ताइवान और चीन (China) के बीच भी सब कुछ ठीक नहीं है। वैसे चीन का आक्रामक रुख हमेशा भारत के लिए भी एक बड़ा खतरा है। चीन से निपटने के लिए अब भारत को थर्मोन्यूक्लियर बम की जरूरत है। अमेरिका के एक थिंकटैंक की ओर से कहा गया है कि शांति की स्थापना के लिए भारत को थर्मोन्यूक्लियर बम का टेस्ट करना ही होगा। आइए जानते हैं कि थर्मोन्यूक्लियर बम क्या है और ये परमाणु बम से कैसे अलग है?

थर्मोन्यूक्लियर बम को हाइड्रोजन बम या H-बम भी कहा जाता है। इसमें परमाणु विस्फोट को और भी विनाशकारी बनाने के लिए न्यूक्लियर फ्यूजन के दूसरे चरण का इस्तेमाल होता है। ये सामान्य परमाणु बम की तुलना में बेहद शक्तिशाली होते हैं। हाइड्रोजन बम के केंद्र में ड्यूटेरियम और ट्रिटियम (हाइड्रोजन के समस्थानिक) को कंप्रेस कर गर्म किया जाता है, जिससे हाइड्रोनजन बनता है। इससे न्यूट्रॉन मुक्त हो जाते हैं और यूरेनियम की परत इस विस्फोटक श्रृंखला के चारों ओर एक घेरा बना लेते हैं, जिससे सामान्य परमाणु बम की अपेक्षा अधिक विनाशकारी विस्फोट पैदा होता है।

थर्मोन्यूक्लियर बम कैसे काम करता है

इसकी विशाल विस्फोटक शक्ति से एक अनियंत्रित आत्मनिर्भर चेन रिएक्शन पैदा होता है, जिसमें हाइड्रोजन के दो अणु एक भारी हीलियम अणु में बदलते हैं। इस प्रक्रिया में उच्च ताप पैदा होता है। वर्तमान थर्मोन्यूक्लियर बमों में, लिथियम-6 ड्यूटेराइड का इस्तेमाल फ्यूजन ईंधन के लिए होता है। फ्यूजन की शुरुआत में ये ट्रिटियम में बदल जाता है।

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हाइड्रोजन बम का विस्फोट कैसे होता है

हाइड्रोजन बम या एच बम का विस्फोट दो चरणों में होता है। प्राथमिक चरण में कम मात्रा में यूरेनियम के जरिए एक पारंपरिक परमाणु विस्फोट होता है। चेन रिएक्शन शुरु करने के लिए ये विस्फोट किया जाता है। इस विस्फोट के कारण थर्मोन्यूक्लियर बम के बाकी तत्वों में रिएक्शन शुरू हो जाता है। इस चेन रिएक्शन के कारण देखते ही देखते तापमान लाखों डिग्री तक पहुंच जाता है। इस विस्फोट और गर्मी के कारण बड़ी मात्रा में न्यूट्रॉन युक्त रेडिएशन निकलता है। इस विस्फोट के कारण दूसरे चरण का रिएक्शन होता है, जिससे यूरेनियम के कंटेनर में धमाका होता है। ये पूरी प्रक्रिया एक सेकंड से भी कम समय में होती है।

थर्मोन्यूक्लियर बम का असर क्या होगा?

एक थर्मोन्यूक्लियर बम के विस्फोट उसी तरह काम करता है, जैसे हमारे सूर्य की ऊर्जा काम करती है। ये पारंपरिक परमाणु बम से सैकड़ों गुना ताकतवर होते हैं। एक थर्मोन्यूक्लियर बम के धमाके से रोशनी, गर्मी और कई तरह के रेडिएशन निकलते हैं। इस धमाके से एक शॉकवेव भी निकलती है, जो धमाके की जगह से कई किमी दूर तक हाइपरसोनिक स्पीड से जाता है।

इसकी चपेट में आने वाली हर बिल्डिंग तबाह हो जाती है। थर्मोन्यूक्लियर बम से निकलने वाली रोशनी को अगर कई दर्जन किमी दूर से देखा जाए तो भी हमेशा के लिए अंधापन आ सकता है। बम से निकलने वाली भीषण गर्मी के कारण इसके चपेट में आने वाली हर चीज जल जाएगी। ऐसा लगेगा जैसे आग का तूफान आया हो। बम विस्फोट से निकलने वाला न्यूक्लियर फॉलआउट हवा, पानी और मिट्टी को दूषित कर देगा और दुनिया भर में फैलेगी।