अंतर्राष्ट्रीय

China के निशाने पर कौन,अमेरिका या ताइवान? चीनी लड़ाकू विमानों को हथियारबंद ड्रोन से जोड़कर कर युद्धाभ्यास

China की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) वायु सेना ने एक सशस्त्र टोही ड्रोन और दो लड़ाकू को एक साथ इंट्रीग्रेड कर साझा सैन्य अभ्यास किया है। इस दौरान लड़ाकू विमान से हथियारबंद ड्रोन को ऑपरेट करने और हमला करने का अभ्यास किया गया।

लड़ाकू विमान और ड्रोन के साथ युद्धाभ्यास

बताया जा रहा है कि चीनी वायु सेना लड़ाकू विमान और ड्रोन को एक साथ मिलाकर अपनी हवाई ताकत को और ज्यादा बढ़ाना चाहती है। China का यह युद्धाभ्यास तब आयोजित हुआ है, जब प्रशांत महासागर में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं संयुक्त रूप से मालाबार युद्धाभ्यास में शामिल हैं।

भारत,अमेरिका,जापान और ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त युद्धाभ्यास पर चीन की नजर

China भारत ,अमेरिका ,जापान और ऑस्ट्रेलिया की मालाबार युद्धाभ्यास से इतना डरा हुआ है कि उसने सैकड़ों सैटेलाइट को युद्धाभ्यास वाले इलाके की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तैनात कर दिया है।

China सेंट्रल टेलीविज़न की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक अज्ञात स्थान पर अघोषित प्रशिक्षण में एक जीजे-2 सशस्त्र ड्रोन और दो जे-16 लड़ाकू विमान शामिल थे। यह पहली बार हुआ है, जब चीन ने लड़ाकू विमान और ड्रोन के साझा युद्धाभ्यास को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है।

पीएलए वायु सेना ड्रोन समूह के प्रमुख ली यांग ने रिपोर्ट में कहा कि ड्रोन पीएलए के कॉम्बेट सिस्टम में शामिल हो चुके हैं और इसने कुछ अच्छे परिणाम हासिल किए हैं। ली ने कहा कि भविष्य का युद्ध अनुभूति का टकराव है और इसलिए इन मानवरहित हथियारों और उपकरणों को संचालित करने वाले लोगों के विचार और अनुभूति युद्ध के मैदान पर जीत या हार का निर्णायक कारक हैं।

क्या हुआ युद्धाभ्यास के दौरान

चीन सेंट्रल टेलीविजन (सीसीटीवी) रिपोर्ट से पता चलता है कि प्रशिक्षण के दौरान जीजे-2 ने एक हवाई क्षेत्र से उड़ान भरी, जिसके पीछे जे-16 इंतजार कर रहे थे। ड्रोन ने कुछ लक्ष्यों पर मिसाइलें दागीं, जबकि रिपोर्ट में लड़ाकू विमानों की भूमिका के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया।

विश्लेषकों ने कहा कि जीजे-2 सशस्त्र टोही ड्रोन और जे-16 फाइटर जेट के बीच टॉप स्पीड, मनुवरेबिलिटी, रेंज और एंड्यूरेंस में भारी अंतर है, लेकिन वे कई मायनों में एक दूसरे के साथ इंटीग्रेट होकर एक दूसरे के पूरक बन सकते हैं।

चीन आखिर क्यों ड्रोन को लड़ाकू विमान से क्यों जोड़ रहा है

चीनी सेना के एविएशन एक्सपर्ट फू कियानशाओ का कहना है कि धीमी गति वाला ड्रोन पहले उड़ान भर सकता है। यह ड्रोन जैसे ही यह लक्ष्य क्षेत्र के पास पहुंचता है, लड़ाकू विमान तेज गति से लक्ष्य वाले इलाके के ऊपर एक छोटे समय के लिए उड़ान भर सकता है। इस दौरान वे एक साथ मिलकर फॉर्मेशन बना सकते हैं और मिशन को अंजाम देने के लिए एक साथ उड़ान भर सकते हैं।

यह भी पढ़ें-नए युद्ध की आहट! China पर महाप्रहार की तैय्यारी में लगा यह देश, बना रहा है 400 नई मिसाइलें

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago