अफगानिस्तान में हुए उथल पुथल का असर पूरी दुनिया पर हुआ है। अमेरिका ने तो अपनी पूरी स्ट्रेटजी ही बदल दी है। सऊदी अरब में इंस्टॉल पेट्रियॉट मिसाइल बैटरी को अब चीन के खिलाफ इंस्टॉल करने जा रहा है। चीन इसी के साथ चीन को आर्थिक झटका देने के लिए अमेरिका चीन में जमा कैपिटल को भारत में ट्रांसफर करने जा रहा है। इसके लिए डिप्लोमेटिक स्तर पर बातचीत हो चुकी है। इसका मतलब यह है कि अमेरिका का वो इन्वेस्टमेंट जो चीन में था अब वो भारत इन्वेस्ट किया जाएगा।
अमेरिकी इन्वेस्टमेंट से भारत के इन्फ्रास्टक्चर में गुणात्मक परिवर्तन होगा। यह जानकारी किसी और ने नहीं बल्कि भारत के भू-तल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दी है। नागपुर के एक संस्थान में आयोजित हुए कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, अमेरिका अपनी पूंजी को चीन से भारत ट्रांसफर करने में रुचि रखता है। वे भारत की प्रगति और विकास के लिए अपनी प्रौद्योगिकी और पूंजी के साथ हमारा समर्थन करना चाहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत के human intellectual को पूरी दुनिया में अच्छी तरह से पहचाना और सराहा जाता है। सतत आर्थिक विकास के लिए पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। गडकरी ने कहा कि हम 'आत्म निर्भर' पहल के तहत युवाओं को प्रोत्साहित और समर्थन कर रहे हैं, 'आत्मनिर्भर भारत', 'मेक इन इंडिया', 'स्टार्ट-अप इंडिया' जैसी सक्रिय योजनाएं युवाओं को अपने नवीन विचारों और अवधारणाओं के माध्यम से राष्ट्र को बदलने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।
देश में तकनीकी विकास पर प्रकाश डालते हुए गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे कैबिनेट बैठक में सुझाव दिया था कि पहाड़ी क्षेत्रों में सेब की खेती में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। ड्रोन प्रौद्योगिकी के विकास पर बात करते हुए, गडकरी ने कहा कि, "हम अब ऑटोमोबाइल और प्रौद्योगिकी के लिए विशेष पैकेज दे रहे हैं। ड्रोन तकनीक बहुत महत्वपूर्ण है हम कीटनाशकों के छिड़काव के लिए कृषि में ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं।"